कोराना के संक्रमण को रोकने सारी दुनिया अपने-अपने स्तर पर लड़ाई लड़ रही है। अपने यहां लोगों की मदद के लिए प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ रहा। लेकिन इस बीच कुछ अफसर मिसाल बनकर सामने आ रहे हैं।
जालंधर, पंजाब. कोरोना वायरस ने सारी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। हर देश इस संक्रमण को रोकने अपने-अपने स्तर पर लड़ाई लड़ रहा है। दुनिया के ज्यादातर देशों में लॉक डाउन है। आवश्यक वस्तुओं की दुकानों या संस्थानों को छोड़कर सबकुछ बंद है। भारत में 21 दिनों का लॉक डाउन किया गया है। इस दौरान लोगों को परेशानी हो रही है, लेकिन वे कोरोना संक्रमण से बचने इसका पालन कर रहे हैं। यह महिला अपनी बच्ची की ऑपरेशन को लेकर परेशान थी। लॉक डाउन के कारण सर्जिकल सामग्री नहीं मिल पा रही थी। उसने हेल्पलाइन नंबर से ड्रग कंट्रोल अफसर को कॉल किया और अपनी बात रखते हुए रो पड़ी। महिला की करुण पुकार सुनकर अफसर भावुक हो उठे और सामान लेकर खुद उसके घर देने पहुंच गए।
तीन महीने की बच्ची की आंतों के दो ऑपरेशन होना है..
बस्ती पीरदाद स्थित बाजवा कॉलोनी की रहने वाली तीन महीने की बच्ची अभि की आंतों की दो सर्जरी होना है। एक सर्जरी हो चुकी है। दूसरी अभी होना थी कि लॉक डाउन हो गया। ऐसे में जरूरी सर्जिकल सामग्री नहीं मिल पा रही थी। इस बीच बच्ची की तबीयत बिगड़ती जा रही थी। यह देखकर उसकी मां पूजा से रहा नहीं गया। उसने पहले सारा मार्केट छान मारा। जब हर जगह से निराशा हाथ लगी, तो उसने हेल्प लाइन नंबर से ड्रग कंट्रोल अफसर कमल कंबोज को कॉल किया। महिला की तकलीफ सुनकर अफसर ने खुद सर्जिकल सामग्री का इंतजाम किया। फिर स्वयं उसे देने महिला के घर पहुंचे।
दरअसल, यह सामग्री सिर्फ सर्जिकल स्टोरी पर ही उपलब्ध थी। लॉक डाउन में सिर्फ मेडिकल खुले हुए हैं।