मां नहीं बन पा रही थी यह पाकिस्तानी महिला, भारत में आकर पूरी हो गई मुराद, लॉकडाउन में मिली खुशी

कोरोना संक्रमण के कारण दुनियाभर में लगाए गए लॉकडाउन के कारण लोग खासे परेशान हुए। इस दम्पती को लॉकडाउन में खुशी मिली। यह दम्पती बच्चा नहीं होने से परेशान था। वो मई 2019 में इलाज कराने भारत आया था। उनका इंदौर में इलाज चल रहा था। जब लॉकडाउन में सब परेशान थे, तब इनके यहां नन्हे बच्चे की किलकारी गूंजी। अब यह दम्पती भारत से खुशियां लेकर पाकिस्तान रवाना हो गया है।
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 1, 2020 10:49 AM IST

अमृतसर, पंजाब. यह हैं पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी के रहने वाले नरेश और आशी चावला दम्पती। ये संतान नहीं होने से चिंतित थे। इंदौर में रहने वाले किसी रिश्तेदार ने यहां आकर इलाज कराने को कहा। यह दम्पती वीजा लेकर मई 2019 को अटारी बार्डर पर सड़क मार्ग से भारत पहुंचा। इंदौर में उनका इलाज चला। 16 मई 2020 को उनके यहां बच्चे का जन्म हुआ। कोरोना संक्रमण के कारण दुनियाभर में लगाए गए लॉकडाउन के कारण लोग खासे परेशान हुए। इस दम्पती को लॉकडाउन में खुशी मिली। अब यह दम्पती भारत से खुशियां लेकर पाकिस्तान रवाना हो गया है।


रिश्तेदार ने दिया पूरा सहयोग
नरेश ने बताया कि पाकिस्तान में खूब इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसी बीच इंदौर में रहने वाले उनके एक रिश्तेदार ने यहां आकर इलाज कराने को कहा था। इस दम्पती की शादी को कई साल हो चुके थे। बच्चा नहीं होने से दोनों मानसिक रूप से परेशान रहने लगे थे। इंदौर के रिश्तेदार ने उनका बहुत सहयोग किया। उनके रुकने आदि का इंतजाम किया। वहीं, वीजा अवधि भी बढ़वाई।

बच्चे का नाम रखा अवतार...

नरेश सिंधी समाज से ताल्लुक रखते हैं। उनके गुरु इंदौर से हैं। अमृतसर से पाकिस्तान जाते समय नरेश ने कहा कि बेटे का जन्म कोरोना महामारी के दौरान हुआ है, इसलिए उसका नाम अवतार रखा है। उनका बेटा भारत में जन्मा है, इसलिए भारत माता का आशीर्वाद भी मिल गया। अटारी बॉर्डर पर नरेश को लेने उनके परिजन पहुंचे थे।


 

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