कृषि कानून को लेकर तनातनी: जंतर-मंतर पर धरना देने पहुंचे अमरिंदर, ट्रेनें नहीं चलने से ब्लैकआउट का खतरा

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों के समर्थन में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी मुखर हैं। पंजाब सरकार इन कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास कर चुकी है। इस बीच राष्ट्रपति से मिलने का समय नहीं मिलने पर अमरिंदर सिंह बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने पहुंचे। इससे पहले यह धरना राजघाट पर होना था। सुरक्षा कारणों से उसकी जगह बदली गई है। हालांकि इससे पहले कैप्टन ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को पुष्प अर्पित किए।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 4, 2020 6:00 AM IST / Updated: Nov 04 2020, 03:11 PM IST

चंडीगढ़. कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस की सरकार वाले राज्यों में लंबे समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा असर पंजाब में देखा जा रहा है। यहां विधानसभा में इन कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास किया जा चुका है, बावजूद किसान आंदोलन पर डटे हैं। पटरियों पर किसानों के प्रदर्शन के चलते ट्रेनों की आवाजाही बंद है। ऐसी स्थिति में कोयले की आपूर्ति न होने से पावर प्लांट बंद होते जा रहे हैं। राज्य में ब्लैकआउट का खतरा मंडराने लगा है। इस संकट से निपटने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा था। लेकिन राष्ट्रपति ने उन्हें समय नहीं दिया। लिहाजा, कैप्टन अपने विधायकों के साथ बुधवार को दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर धरना देने पहुंचे। पहले यह धरना राजघाट पर होना था। सुरक्षा कारणों से उसकी जगह बदली गई है। हालांकि कैप्टन ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को पुष्प अर्पित किए। इस बीच पंजाब की दूसरी पार्टियों शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और आप ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के क्रमिक धरने को ड्रामा और फोटो खिंचवाने का मौका बताया था।

जरूरी चीजों की सप्लाई भी बाधित
कैप्टन ने राज्य में मालगाड़ियां रद्द किए जाने से पैदा हुए संकट पर चिंता जताई है। पावर प्लांट बंद होने से राज्य में ब्लैकआउट का खतरा पैदा हो गया है। यही नहीं, सब्जियों और बाकी जरूरतों की चीजें भी नहीं पहुंच पा रही हैं। अमरिंदर ने कहा कि उन्होंने रेलवे और वित्त मंत्रालय से मालगाड़ियों के निलंबन और जीएसटी बकाया की अदायगी नहीं होने जैसे मामलों को लेकर कांग्रेसी सांसदों ने दो केंद्रीय मंत्रियां से मिलने का समय मांगा था। लेकिन वे नहीं मिले। बता दें कि राष्ट्रपति ने अमरिंदर सिंह से मिलने के लिए इसलिए मना कर दिया था, क्योंकि प्रांतीय संसोधन बिल अभी राज्यपाल के पास लंबित है। उल्लेखनीय है कि आंदोलित किसानों के थर्मल पावर प्‍लांटों की ओर जाने वाले रेलवे ट्रैक को बंद कर दिया है। इसके चलते रेलवे ने 7 नवंबर तक मालगाड़ियां के परिचालन पर रोक लगा दी है।

रेलवे ट्रैक पर किसानों के बैठे रहने से जरूरी चीजों की भी सप्लाई नहीं हो पा रही है।

 

इस बीच धरने में शामिल होने दिल्ली के लिए निकले कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब-दिल्ली सीमा पर रोक दिया  गया।

 

At Raj Ghat to pay homage to the Father of the Nation. His ideal of persistent struggle in the face of opposition is our guiding light. We will fight to uphold Punjab's right to dignity and respect. #KhetiBachao pic.twitter.com/QXGdbXp0qB

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