पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद अब वादे पूरा करने की बारी है। यहां आप ने 300 यूनिट फ्री बिजली देने की बात कही थी। अब केंद्र ने सरकार से कहा है कि पहले वह राज्य में 85 हजार प्री पेड मीटर लगाए, वर्ना बिजली सुधार फंड रोक दिया जाएगा। इस योजना में केंद्र 15 प्रतिशत हिस्सेदारी देगा, जबकि बाकी पैसा राज्य को खर्च करना है।
चंडीगढ़। बिजली को लेकर केंद्र और पंजाब सरकार के बीच ठन गई है। विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (Aam Admi party) ने वोटरों से वादा किया था कि 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। इस बीच केंद्र ने चेतावनी दी कि पंजाब सरकार 85 हजार मीटर स्मार्ट प्रीपेड मीटर जल्द लगवाए। यदि ऐसा नहीं किया तो केंद्र से बिजली सुधार को लेकर जो फंड दिया जा रहा है, उसे रोक दिया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री ने कहा था- जल्द बुलाएंगे मीटिंग
हाल ही में पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने दावा किया था कि पंजाब में जल्दी ही उपभोक्ताओं को 300 यूनिट बिजली मुफ्त में देने की योजना को अमल में लाया जाएगा। इसके लिए उन्होंने जल्दी ही बिजली अधिकारियों की मीटिंग बुलाने की बात बोली थी। लेकिन, अब जिस तरह से केंद्र ने पेंच फंसा दिया, इससे मान सरकार के मुफ्त बिजली के वादे में दिक्कत आ सकती है। हालांकि, पंजाब में कृषि क्षेत्र में पहले ही मुफ्त में बिजली दी जा रही है। विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की ओर से वादा किया गया था घरेलू क्षेत्र में भी 300 यूनिट बिजली मुफ्त में दी जाएगी।
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पंजाब, हरियाणा में बिजली बिल बड़ा मुद्दा
पंजाब और हरियाणा में बड़ी संख्या में उपभोक्ता बिजली बिल नहीं देते। यदि उनके बिजली कनेक्शन काटे जाते हैं तो डिफाल्टर उपभोक्ता इसका विरोध करते हैं। विपक्ष भी इस स्थिति में उपभोक्ताओं के साथ खड़ा हो जाता है। देशभर के कई हिस्सों में यह समस्या है। इससे निजात पाने केंद्र सरकार प्रीपेड मीटर योजना पर काम कर रही है। योजना के तहत 25 करोड़ मीटर देश भर में लगाने का टारगेट रखा गया है। इसके लिए 15 प्रतिशत खर्च केंद्र की ओर से दिया जा रहा है। इसके जरिये उपभोक्ता जितनी बिजली का भुगतान करेगा, उसे उतनी बिजली मिलेगी।
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