
चंडीगढ़ : दिल्ली (delhi) के अलग-अलग बॉर्डर पर पिछले एक साल से डटे किसान अब खेतों की ओर लौटने की तैयारी में हैं। शुक्रवार की रात बॉर्डर पर किसानों की आखिरी रात है।
किसान 11 दिसंबर को सुबह 9 बजे पंजाब के लिए जाना शुरू करेंगे। वे टीकरी बॉर्डर से किसान पटियाला,मनसा के रास्ते पंजाब (Punjab) जाएंगे। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने शुक्रवार को ऐलान किया कि दिल्ली की सीमाओं से लौटने वाले किसानों का उनकी सरकार स्वागत करेगी। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर किसान कानून बिल के बहाने निशाना भी साधा और कहा कि किसानों ने सरकार को काला कानून वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया।
क्या कहा चन्नी ने
सीएम चरणजीत चन्नी ने कहा कि राज्य सरकार दिल्ली की सीमाओं से विजयी वापसी पर अपनी 'माटी के बेटों' का स्वागत करेगी। किसानों, कृषि मजदूरों और संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लोगों की जीत है और समाज के विभिन्न वर्गों की एकता ने मोदी सरकार को कठोर काले कानूनों को वापस लेने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने करीब एक साल तक किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब भाजपा के नेता किसानों की जीत को भुनाना चाहते हैं और इसे पंजाब में चुनावी कार्ड के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के किसान और लोग एक साल से अधिक समय तक उनके धैर्य की परीक्षा लेने के लिए मोदी सरकार को कभी माफ नहीं करेंगे।
हमारी सरकार हमेशा किसानों के साथ - चन्नी
चरणजीत चन्नी ने कहा कि ये जीत किसानों के लिए आसान नहीं रही। आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों ने अपना बलिदान दिया। हमारी सरकार हमेशा किसानों और मजदूरों के साथ खड़ी रही है और उनके ऐतिहासिक और अच्छे काम में उनकी हरसंभव मदद की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने करीब 350 किसानों के परिवार के सदस्यों को नौकरियां और आर्थिक मदद की है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने किसानों को केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में उनकी ऐतिहासिक जीत पर बधाई देते हुए कहा कि यह लोगों की जीत है और समाज के विभिन्न वर्गों की एकता ने मोदी सरकार को कठोर काले कानूनों को वापस लेने पर मजबूर कर दिया।
केंद्र के प्रस्ताव के बाद आंदोलन वापस
बता दें कि किसानों ने आंदोलन वापसी की घोषणा केंद्र सरकार के प्रस्ताव के बाद की है। प्रस्ताव में कहा गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने और बाद में केंद्रीय कृषि मंत्री ने MSP पर एक समिति गठित करने की घोषणा की है। कमेटी में केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी के साथ SKM के प्रतिनिधि भी होंगे। साथ ही प्रस्ताव में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा की सरकारें तत्काल प्रभाव से किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने पर राजी है। केंद्र ने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजन को मुआवजा मुहैया करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव में कहा गया है कि विद्युत संशोधन विधेयक संसद में तब तक पेश नहीं किया जाएगा, तब तक कि सरकार किसानों पर प्रभाव डालने वाले प्रावधानों पर SKM और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत नहीं कर लेती है।
इसे भी पढ़ें-Punjab Assembly Election: CM चन्नी बोले BJP पंजाब की दुश्मन, अकाली और कैप्टन भी मिले हुए हैं
इसे भी पढ़ें-Punjab Elections 2022 : AAP ने जारी की उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट, जानें कौन कहां से लड़ेगा चुनाव
पंजाब की राजनीति, किसान मुद्दे, रोजगार, सुरक्षा व्यवस्था और धार्मिक-सामाजिक खबरें पढ़ें। चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना और ग्रामीण क्षेत्रों की विशेष रिपोर्ट्स के लिए Punjab News in Hindi सेक्शन देखें — ताज़ा और प्रामाणिक खबरें Asianet News Hindi पर।