पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ ने छोड़ी पार्टी, चरणजीत चन्नी की आलोचना के बाद मिला था नोटिस

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना की थी, जिसके बाद पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

Asianet News Hindi | Published : May 14, 2022 8:09 AM IST / Updated: May 14 2022, 01:51 PM IST

चंडीगढ़। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने पार्टी छोड़ दी है। पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना के बाद पार्टी नेतृत्व ने उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 

जाखड़ ने फेसबुक लाइव वीडियो में पार्टी के पूर्व सहयोगियों की तीखी आलोचना की। इसके बाद उन्होंने "अलविदा और शुभकामनाएं, कांग्रेस," कहकर पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी। जाखड़ ने पार्टी छोड़ने की घोषणा उस समय की है जब कांग्रेस राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर कर रही है और आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को टक्कर देने की रणनीति बना रही है।

छीन लिए गए थे सभी पद 
तीन बार विधायक और एक बार सांसद रहे जाखड़ ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से पार्टी के सभी संदर्भों को हटा दिया है। उन्होंने अपने ट्विटर बायो से कांग्रेस हटा दिया। जाखड़ ने कहा कि पंजाब कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा उनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के बाद अनुशासनात्मक पैनल द्वारा सभी पार्टी पदों को छीन लिया गया। इससे वह बहुत दुखी हैं। उन्होंने इस साल की शुरुआत में राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए "पंजाब में एक हिंदू मुख्यमंत्री होने के नतीजों" पर कांग्रेस सांसद अंबिका सोनी के बयान को भी जिम्मेदार ठहराया। 

पार्टी की कमान संभालें राहुल गांधी 
जाखड़ ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की "अच्छे व्यक्ति" के रूप में प्रशंसा की और उनसे अपील की कि वे "चपलूस लोग" (चापलूसी) से दूरी बनाकर एक बार फिर पार्टी की कमान संभालें। जाखड़ ने कहा कि राजस्थान के उदयपुर में वर्तमान में चल रहा कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर या विचार-मंथन एक तमाशा है।

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बता दें कि 'नव संकल्प चिंतन शिविर' में बड़े संरचनात्मक सुधारों की उम्मीद है। कांग्रेस 2024 के आम चुनावों से पहले पार्टी में बड़ा बदलाव करना चाहती है। तीन दिवसीय सम्मेलन पिछले कई वर्षों से पार्टी में चुनावी हार और असंतोष की पृष्ठभूमि में आयोजित किया जा रहा है। शिविर समयबद्ध पार्टी पुनर्गठन, ध्रुवीकरण की राजनीति से निपटने के तरीके खोजने और आगामी चुनावी चुनौतियों के लिए तैयार होने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

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