ग्राउंड रिपोर्ट: हार की हैट्रिक से बचने 'धुरी' क्यों है भगवंत मान की मजबूरी, पंजाब में सबसे ज्यादा CM यहीं से

पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी के सीएम उम्मीदवार भगवंत मान संगरूर जिले की धुरी विधानसभा सीट चुनाव लड़ेंगे। गुरुवार दोपहर आप नेता राघव चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह आधिकारिक घोषणा की।

Asianet News Hindi | Published : Jan 20, 2022 10:46 AM IST / Updated: Jan 20 2022, 05:01 PM IST

चंडीगढ़. आम आदमी पार्टी ने ऐलान कर दिया है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी के सीएम उम्मीदवार भगवंत मान संगरूर जिले की धुरी विधानसभा सीट चुनाव लड़ेंगे। गुरुवार दोपहर आप नेता राघव चड्ढा ने  प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह आधिकारिक घोषणा की। इस दौरान उन्होंने कहा-भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल की जोड़ी एक और एक ग्यारह साबित होगी। हलांकि एशियानेट हिंदी ने पहले ही बता दिया था कि  भगवंत मान धुरी विधानसभा सीट से पार्टी उम्मीवार होंगे। 

मान की हार की हैट्रिक से बचाएगी धुरी?
बताया जा रहा है कि भगवंत मान का यहां से चुनाव लड़ना उनकी मजबूरी भी मानी जा रही है। क्योंकि वह जलालाबाद और लहरगागा से दो बार विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं। यह तीसरा मौका है जब वह एक बार फिर से विधानसभा में अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं। इस बार तो क्योंकि उन्हें सीएम चेहरा भी बनाया गया है। इसलिए भी मान हर हालत में जीत हासिल करना चाहेंगे। यूं भी वह हार की हैट्रिक नहीं बनाना चाहेंगे। इसलिए उन्होंने धुरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि मान से पहले ही पार्टी को बता दिया गया था कि वह धुरी से चुनाव लड़ेंगे। क्योंकि यह सीट संगरूर लोकसभा सीट का हिस्सा है, यहां भगवंत मान ने सांसद कोटे से खूब काम कराए हैं। 

पंजाब में सबसे ज्यादा सीएम यहीं से रहे
अब क्योंकि वह सीएम का चेहरा है, जिस तरह से आम आदमी पार्टी के पक्ष में सर्वे आ रहे हैं, इसमें आम आदमी को मजबूत बताया जा रहा है। इस तरह से भी मान यहां के मतदाता को बोल सकते हैं कि वह सिर्फ विधायक ही नहीं चुन रहे हैं, बल्कि इसके साथ ही सीएम भी चुन रहे हैं।  पंजाब में सबसे ज्यादा सीएम अभी तक मालवा से बने हैं। 1966 ज्ञानी गुरमुख सिंह मुसाफिर कांग्रेस से, 1967 में अकाली दल गुरनाम सिंह, प्रकाश सिंह बादल 29 मार्च 1970 ें बने। 1972 में ज्ञानी जैल सिंह कांग्रेस से, 77 से 80 तक प्रकाश सिंह बादल सीएम रहे। कांग्रेस के दरबारा सिंह 1980 से लेकर 83 तक। सुरजीत सिंह बरनाला 1985 से 85 तक अकाली दल से सीएम रहे। 

 प्रकाश सिंह बादल हो या अमरिंदर सब यहीं से
कांग्रेस से बेअसंत सिंह 1992 से लेकर 95 तक। हरचरण सिंह बराड़ कांग्रसे पंजाब के सीएम 1995 से 96 तक सीएम रहे। कांग्रेस से राजेंद्र कौर भट्‌टल 82 दिन की सीएम बनी। फिर अकाली दल से प्रकाश सिंह बादल 1997 से 2002 तक सीएम रहे। कांग्रेस से कैप्टन अमरिंदर सिंह 2002 से 07 तक सीएम रहे। 2007 से 17 तक अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल सीएम रहे। फिर कांग्रेस के कैप्टन और अब चरणजीत सिंह चन्नी अभी सीएम है। आज तक देखे तो ज्यादातर सीएम मालवा से बने हैं। 

 धुरी का दिल जीतना मान के लिए आसान नहीं
जानकारों का कहना है कि धुरी भगवंत मान के लिए इतनी आसान भी नहीं है। क्योंकि यहां से कांग्रेस के मौजूदा विधायक दलबीर सिंह गोल्डी का भी अच्छी खासी पकड़ है। खासतौर युवा व ग्रामीण इलाकों में उन्होंने भी खूब काम किया है। किसानों में लगातर सक्रिय रहे हैं। भगंवत मान को भले ही धुरी से लोकसभा चुनाव में बढ़त मिली हो, लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां से आम आदमी पार्टी के जसबीर सिंह सेखों को दो हजार 800 वोट से हरा दिया था। अब जसबीर सिंह सेखो भी आम आदमी पार्टी मे दूरी बना चुके हैं। 

खन्ना भगमंत मान के लिए बन सकते हैं मुसीबत
यह भी कहा जा रहा है कि सेखो ही भगवंत मान की परेशानी बन सकते हैं। दो बार धुरी से भाजपा के विधायक रहे अरविंद खन्ना की भी धुरी पर अच्छी खासी पकड़ है। यह भी भगवंत मान के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। हालांकि यह बताया जा रहा है कि भाजपा खन्ना को यहां से अपना उम्मीदवार नहीं बनाएगी। उन्हें संगरूर से उम्मीदवार बनाया जाएगा। लेकिन संगरूर से खन्ना का प्रभाव यहां भी आ सकता है। इस तरह से देखा जाए तो आम आदमी पार्टी जितना आसान धुरी को मान कर चल रही है, इतनी आसान सीट यह नहीं है। कुल मिला कर भगंवत मान की उम्मीद धुरी शहर जहां से 55 हजार मतदाता है। शहरी मतदाता के के रूझान पर भगवंत मान की उम्मीद टिकी है। यदि शहरी मतदाता थोड़ा भी इधर उधर हुआ तो भगवंत मान आउट हो सकते हैं।

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