कांग्रेस ने सुखपाल खैरा को भुलत्थ सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। खैरा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में इस वक्त जेल में है। उस पर नशा माफिया का साथ देने समेत कई तरह के गंभीर आरोप है। इसी को आधार बना कर राणा गुरजीत ने उसके खैरा के खिलाफ पार्टी आलाकमान को लिखा है।
चंडीगढ़ : जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे पंजाब कांग्रेस में आपसी विवाद बढ़ता जा रहा है। विवादों में पार्टी इस कदर घिर गई कि विपक्ष तो क्या पार्टी के अपने ही विधायक एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस (Congress) में अभी पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के विवादित वीडियो का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि पार्टी के सीनियर नेता और तकनीकी शिक्षा मंत्री राणा गुरजीत सिंह (Rana Gurjit Singh) ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पत्र लिख कर मांग की है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद विधायक सुखपाल सिंह खैहरा (Sukhpal Singh Khaira) को पार्टी से निष्कासित किया जाए।
जवाब देना भी मुश्किल-राणा
कांग्रेस ने सुखपाल खैरा को भुलत्थ सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। खैरा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में इस वक्त जेल में है। उस पर नशा माफिया का साथ देने समेत कई तरह के गंभीर आरोप है। इसी को आधार बना कर राणा गुरजीत ने उसके खैरा के खिलाफ पार्टी आलाकमान को लिखा है। राणा ने कहा, यह मामला अनियमित संपत्ति या धन से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का केस नहीं है, बल्कि यह ड्रग से जुड़ा मामला है। नशे के जरिए रकम कमाई गई है। मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से नशे के खिलाफ रही है। इस वक्त चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें मतदाताओं को इस मामले में जवाब देना मुश्किल हो रहा है। एक तरफ हम नशे को खत्म करने के लिए शपथ लेते हैं, दूसरी ओर हम ऐसे दागी व्यक्ति को पार्टी की टिकट दे रहे हैं, जो नशे के जरिए अर्जित की रकम से जुड़े मनी लांड्रिंग के केस में जेल में बंद है।
दागी को टिकट क्यों
राणा ने कहा कि यह उचित वक्त है कि कांग्रेस पार्टी को नशे के मुद्दे पर सख्त स्टैंड ले। जो व्यक्ति इन आरोपों में दागी है और जेल में बंद है, उसे टिकट नहीं मिलनी चाहिए। राणा ने कहा कि वह एक ईमानदार और वफादार कांग्रेसी हैं, जो कि दो दशकों से लोकसभा और विधानसभा में कांग्रेस की नीतियों, सिद्धांतों और विचारों का प्रचार करता रहा है, वह पूरी जिम्मेदारी से सारे तथ्य सामने रखकर यह मांग कर रहा है। राणा का यह बयान रविवार को उस वक्त आया, जब विवादित बयानों पर पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के खिलाफ FIR दर्ज हुई है। पहले ही पार्टी सीएम के रिश्तेदारों पर ईडी की रेड के बाद काफी परेशानी का सामना कर रही थी। रही सही कसर मुस्तफा ने पूरी कर दी, अब राणा जिस तरह से सुखपाल खैरा पर हमलावर हुए है। इससे विपक्ष को बैठे बिठाए एक और मुद्दा मिल गया है।
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