मोदी और भगवंत मान सरकार को किसान यूनियन ने दिया अल्टीमेटम, जानिए क्या है मांग, पूरी नहीं होने पर आंदोलन करेंगे

भारतीय किसान यूनियन की नेता एकता डकोंडा ने चेतावनी दी कि चिप से चलने वाले इन बिजली मीटरों को पंजाब के ग्रामीण इलाकों में बिल्कुल भी नहीं लगाने दिया जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि कोई भी कर्मचारी मीटर बदलने के लिए आता है तो, उसका विरोध करें। यदि वह नहीं मानता तो इसकी जानकारी किसान यूनियन के नेताओं को दें।

Asianet News Hindi | Published : Mar 28, 2022 12:14 PM IST

चंडीगढ़. भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंडा के जिला अध्यक्ष बलदेव सिंह भैरूपा और बलविंदर सिंह फौजी जेठुके ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब सरकार पर पंजाब के गांवों में प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का दबाव बना रही है। किसान संगठन इसका पुरजोर विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि जरूरी हुआ तो किसान इसके खिलाफ आंदोलन छेड़ देंगे। 

चिप वाले बिजली मीटर लगे तो होगा आंदोलन
 भारतीय किसान यूनियन की नेता एकता डकोंडा ने चेतावनी दी कि चिप से चलने वाले इन बिजली मीटरों को पंजाब के ग्रामीण इलाकों में बिल्कुल भी नहीं लगाने दिया जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि कोई भी कर्मचारी मीटर बदलने के लिए आता है तो, उसका विरोध करें। यदि वह नहीं मानता तो इसकी जानकारी किसान यूनियन के नेताओं को दें।

किसान यूनियन ने केंद्र सरकार से किया निवेदन
 किसान यूनियन ने कहा प्रदेश सरकार को भी चेतावनी दी कि गांवों में स्मार्ट मीटर न लगाए जाए। यदि ऐसा किया गया तो इसका विरोध होगा। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने सभी को दिल्ली की तर्ज पर तीन सौ यूनिट बिजली मुफ्त में देने का ऐलान किया है। इधर केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार से आग्रह किया कि है पहले पंजाब में प्री पेड स्मार्ट मीटर लगवाए। यदि सरकार ऐसा नहीं करती तो केंद्र की ओर से प्रदेश को मिलने वाली बिजली सुधार की राशि को रोक दिया जाएगा। बिजली को लेकर पंजाब में राजनीति अपने चरण पर पहुंच गई है। पहले तो केंद्र व राज्य सरकार इस मामले में आमने सामने थी, अब जिस तरह से किसान भी बीच में आ गए,इससे स्थिति खराब हो सकती है। 

विधानसभा चुनाव में था यह बड़ा मुद्दा
पंजाब के लोगों का कहना है कि स्मार्ट मीटर ज्यादा तेज चलेंगे। इससे उन्हें बिजली पर ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पहले ही बिजली के बिल को लेकर उपभोक्ता पहले ही संजीदा नहीं है। बहुत से ऐसे उपभोक्ता है, जो लंबे समय से बिजली बिल अदा नहीं कर रहे हैं। इनका कहना है कि उनके पास पैसे ही नहीं है,इसलिए वह बिल जमा नहीं करा पा रहे हैं। इन कनेक्शन को बिजली कर्मचारी काट भी नहीं सकते,क्योंकि यदि वह ऐसा करते हैं तो गांव के लोग इकट्ठा होकर उनका विरोध करते हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में बिजली भी बड़ा मामला था। 

आप सरकार को याद दिलाया अपना वादा
आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि सरकार बनने के बाद सभी को तीन सौ यूनिट बिजली मुफ्त में देंगे। इस वादे के बाद जो लोग बिल जमा करा रहे थे, उन्होंने भी बिल देना बंद कर दिया। अब ग्रामीणों को लगता है कि यदि स्मार्ट मीटर लगे तो उन्हें मुफ्त में तीन सौ यूनिट बिजली मिलना तो दूर, बिजली के लिए पहले से भुगतान करना होगा। इसी आशंका के चलते किसान संगठन अब स्मार्ट मीटरों के विरोध में एकजुट हो रहे हैं।
 

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