कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बंद किए गए स्कूलों में फीस वसूली को लेकर देशभर में विवाद की स्थिति बनी हुई है। अभिभावक फीस में कटौती की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब स्कूल बंद हैं, तो ट्यूशन फीस क्यों भरें? लेकिन इस विवाद के बीच पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के प्राइवेट स्कूलों के पक्ष में फैसला सुना दिया है। यानी प्राइवेट स्कूल अब सभी तरह का शुल्क वसूल सकेंगे। चाहें क्लास लगी हों या नहीं।
चंडीगढ़. ट्यूशन फीस को लेकर अभिभावकों और स्कूलों के बीच जारी विवाद में स्कूलों का पलड़ा भारी पड़ा है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर स्कूल अभी बंद हैं। ऐसे में अभिभावक ट्यूशन फीस वसूले जाने का विरोध कर रहे थे। अभिभावक फीस में कटौती की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब स्कूल बंद हैं, तो ट्यूशन फीस क्यों भरें? लेकिन इस विवाद के बीच पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के प्राइवेट स्कूलों के पक्ष में फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि सभी स्कूल ट्यूशन फीस, एनुअल फीस और एडमिशन फीस ले सकते हैं। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि स्कूल फीस बढ़ा नहीं सकते। पिछले साल जो फीस ली गई हो, इस बार भी उतनी ही वसूली जाए।
ऑनलाइन क्लास ली हों या न ली हों, फीस वसूल सकेंगे
न्यायमूर्ति निर्मजलित कौर की पीठ ने कहा कि स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेज ली हों या नहीं ली हों, वे फीस ले सकेंगे। इस फैसले से अभिभावकों को निराशा हाथ लगी है। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी अभिभावक की आर्थिक हालत ठीक नहीं है, तो स्कूल उसकी बात सुनें। उस पर दबाव नहीं डालें। इस बारे में जिला शिक्षाधिकारी को लिखित में बताएं, ताकि उसकी समस्या का समाधान हो सके। कोर्ट ने कहा कि स्कूलों को बिल्डिंग का किराया, शिक्षकों की सैलरी के अलावा दूसरे कार्यों में भी पैसा खर्च करना पड़ता है। इसलिए स्कूलों को राहत मिलनी चाहिए। बता दें कि कोरोना के चलते सारे देश में 23 मार्च से स्कूल बंद हैं। बीच-बीच में ऑनलाइन क्लासेज शुरू की गई थीं, लेकिन ज्यादातर जगह यह व्यवस्था फेल हो गई।