
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi) ने ‘मेरा घर, मेरे नाम’ (Mera Ghar, Mere Naam) योजना का ऐलान किया और कहा- गांवों और शहरों में लाल लकीर (लाल डोरे) के अंतर्गत आने वाली जमीनों की फ्री रजिस्ट्री की जाएगी। इसके साथ ही मेरा घर, मेरे नाम योजना की घोषणा की। इस योजना से 52 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि पहले सिर्फ लाल लकीर स्कीम में गांव ही शामिल थे, लेकिन अब शहरों को भी शामिल किया गया है।
सीएम ने बताया कि ड्रोन से नक्शे बनाकर सरकार ही लोगों को लाल लकीर वाली जमीन की रजिस्ट्रियां तैयार करके देगी। अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वह 15 दिन में अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकता है। उन्होंने कहा कि पंजाब के NRI की प्रॉपर्टी पर कब्जा रोकने और प्रॉपर्टी NRI के नाम ही रहे, इसे लेकर भी जल्द ही पंजाब सरकार कानून लेकर लाएगी। बता दें कि अब तक के नियम के मुताबिक 'लाल लकीर' के अंदर रजिस्ट्री नहीं होती है। अब 'मेरा घर, मेरे नाम' स्कीम लाए जाने से इस जमीन की रजिस्ट्री हो सकेगी।
सर्वे के बाद दिए जाएंगे संपत्ति कार्ड
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले यह लाल लकीर योजना सिर्फ गांवों के लोगों के लिए शुरू की गई थी, जिसका दायरा बढ़ाकर अब इसको शहरों के योग्य निवासियों के लिए भी लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग को डिजिटल मैपिंग के लिए ग्रामीण और शहरी इलाकों में ऐसी रिहायशी प्रॉपर्टी का ड्रोन सर्वे करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके बाद सभी योग्य निवासियों की सही पहचान करने के बाद उनको संपत्ति का मालिकाना हक देने के लिए संपत्ति कार्ड (प्रॉपर्टी कार्ड) दिए जाएंगे।
बिजली बिल बकाए से 52 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा
मुख्यमंत्री ने 2 किलोवॉट लोड तक के बिजली बिलों के बकाए माफ करने के मुद्दे पर स्पष्ट तौर पर बयान दिया। उन्होंने कहा- जाति, नस्ल और धर्म के भेदभाव किए बिना सभी को इस माफी का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि 72 लाख उपभोक्ताओं में से राज्यभर के लगभग 52 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले बिल में दिखाए गए बकाए ही माफ किए जाएंगे।
पंजाब में ब्लैक आउट नहीं होने दिया जाएगा...
मुख्यमंत्री ने देश में कोयले की भारी कमी के बारे में पूछे गए सवाल का भी जवाब दिया और कहा- उन्होंने अपेक्षित आपूर्ति को सुनिश्चित बनाने के लिए कोयला मंत्रालय के समक्ष पहले ही यह मुद्दा उठाया था, जिससे बिजली संकट को टाला जा सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार कोयले की कमी के बावजूद राज्य में बत्ती गुल होने नहीं देगी। उन्होंने यह भी कहा कि जानबूझ कर बिजली का कोई कट नहीं लगाया जाएगा।
यह प्रक्रिया रहेगी...
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