पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल SIT के सामने नहीं हुए पेश, परिवार ने मांगी नई तारीख..अब टीम घर ही जाएगी

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और पूर्व मुख्यमंत्री बादल के परिवार के लोगों ने उनकी खराब सेहत का हवाला दिया है। इसकी एसआईटी को  लिखित जानकारी देते हुए कहा गया है कि वे ठीक होने के बाद ही जांच में शामिल हो पाएंगे। जिसके चलते अब  SIT ने बादल के चंडीगढ़ वाले सरकारी आवास पर पूछताछा का फैसला किया है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 16, 2021 1:05 PM IST / Updated: Jun 16 2021, 06:42 PM IST

चंडीगढ़. गुरु ग्रंथ साहिब के कोटकपूरा पुलिस फायरिंग कांड में गठित की गई नई SIT पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से अब  22 जून को पूछताछ करेगी। टीम के अधिकारी पूर्व सीएम से पूछाताछ करने के लिए उनके आवास पर ही जाएंगे। बता दें कि तीन दिन पहले एसआईटी ने  बादल को समन भेजकर 16 जून को पेश होने को कहा था।

22 जून को सुबह 10: 30 पर SIT करेगी बादल से पूछताछ
दरअसल, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और पूर्व मुख्यमंत्री बादल के परिवार के लोगों ने उनकी खराब सेहत का हवाला दिया है। इसकी एसआईटी को  लिखित जानकारी देते हुए कहा गया है कि वे ठीक होने के बाद ही जांच में शामिल हो पाएंगे। जिसके चलते अब  SIT ने बादल के चंडीगढ़ वाले सरकारी आवास पर पूछताछा का फैसला किया है। बताया गया है कि 22 जून को SIT 10.30 बजे पूछताछ शुरू होगी। जिसमें बादल को साथ में केस संबंधित सभी दस्तावेज साथ रखने होंगे।

जानिए का है कोटकपूरा पुलिस फायरिंग कांड 
दरअसल, यह पूरा मामला 14 अक्टूबर 2015 का है, उस दौरान फरीदकोट में गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूप चोरी हो गए थे। जहां माथा टेकने गांव गए लोगों को आस-पास नालियों और सड़क पर यह पन्ने बिखरे मिले हुए थे। साथ ही भद्र भाषा में  सिख संगठनों को खुला चैलेंज के पोस्टर भी दीवारों पर लगे हुए थे। जिसके बाद कोटकपूरा में सिखों ने विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस ने मामला शांत करने के लिए प्रदर्शन कर रही भीड़ पर गोलीबारी की थी, इस दौरान  दो लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे।  फायरिंग मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। इस मामले में प्रकाश सिंह बादल पर मामला दर्ज हुआ था।

गोलीकांड के बाद पंजाब के सीएम थे बादल
बता दें कि जिस वक्त कोटकपूरा गोलीकांड हुआ था, उस दौरान प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुख्यमंत्री थे। अब कोर्ट के आदेश के बाद  मामले की जांच कर रही एसआईटी ये पता लगा रही है कि उस वक्त गोली किसके आदेश पर चलाई गई थी। क्या पुलिसवालों ने सरकार  के दबाव में आकर एक्शन लिया था, या फिर अपने खुद के सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई थी।
 

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