पंजाब से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां संगरूर जिले के एक किसान ने दो साल में डेढ़ करोड़ की लागत से ड्रीम हाउस बनवाया। लेकिन अब दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे गुजरने के चलते उसे अपने घर को उखाड़कर 500 फीट दूर शिफ्ट किया जा रहा है।
संगरूर. पंजाब के संगरूर जिले के एक किसान ने डेढ़ करोड़ की लागत से ड्रीम हाउस बनवाया। जो दिखने में किसी भव्य ऑलीशान बंगले की तरह है। लेकिन अब इस घर को अपनी नींव वाले स्थान से खिसकाकर 500 फीट दूर शिफ्ट किया जा रहा है। बता दें कि यह मकान जहां बना, वहीं से अब दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे गुजरने वाला है। जिसके चलते इसे दूसरी जगह ले जाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस मकान को लेकर कई चर्चाएं हो रही हैं।
दो साल में दिनरात मेहनत करके किसान ने डेढ़ करोड़ में बनाया मकान
दरअसल, संगरूर जिले के रोशनवाला गांव मे सुखविंदर सिंह सुखी नाम के किसान ने अपनी जमीन पर यह ड्रीम हाउस बनवाया है। जिसको बनाने में करीब डेढ़ करोड़ की लागत आई है। किसान ने कभी नहीं सोचा था कि उनके साथ ऐसी भी नौबत आ जाएगी की उन्हें अपने मकान को हटाना पड़ेगा। किसान ने कहा कि इस घर को बनाने में उन्हें पूरे दो साल लग गए। यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है, मैं दूसरा घर नहीं बनाना चाहता था। ना ही इस घर को तोड़ने दूंगा। जबकि सरकार की ओर से मकान मालिक को मुआवजे की पेशकश की गई थी, लेकिन, किसान इसके लिए तैयार नहीं हुआ। जिसके कारण पूरे मकान को ही उखाड़कर दूसरी जगह शिफ्ट करने का फैसला किया।
इस एक्सप्रेसवे से कई राज्यों लोगों को होगा फायदा
बता दें कि किसान के खेत से होकर भारतमाला परियोजना के तहत दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे गुजर रहा है। जिसके चलते वह बीच में पड़ रहा है। पिछले दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था, “दिल्ली-अमृतसर-कटरा राष्ट्रीय राजमार्ग एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो एक बार पूरी हो जाने के बाद दिल्ली से जम्मू-कश्मीर जाने वाले यात्रियों के समय, धन और ऊर्जा की बचत होगी। ये एक्सप्रेसवे हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से होकर गुजरेगा। इसलिए इसके बीच में जिसके घर और जमीन आएगी उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।
250 फीट दूर गया मकान...लेकिन ले जाना है 500 फीट
किसान के इस ड्रीम हाउस को कुछ खास कारीगिरों की मदद से इसे अब तक 250 फीट दूर ले जाया चुका है। हालांकि 500 फीट आगे ले जाना है, जिसके लिए काम चल रहा है। मकन को दूसरी जगह ले जाने के लिए यह उसमें किसी तरह की कोई टूट फूट नहीं हो। इसके लिए नींव के नीचे खास पहिए लगाए गए हैं, जिससे वह दूसरी जगह खिसक रहा है ।