'निहंग ASI की छाती में तलवार घोंपने वाला था, मैंने उसके सिर में ईंट दे मारी और कटा हाथ उठा लिया'
पटियाला, पंजाब. लॉक डाउन का उल्लंघन करने से रोकने पर पुलिस पर तलवारों से हमला करने वाले निहंगों से ASI की जान बचाने वाले मजदूर ने उस रोज की दिल दहलाने वाली कहानी सुनाई है। बता दें कि रविवार को पटियाला-सनौर रोड स्थित सब्जी मंडी में निहंगों ने रोके जाने पर पुलिस पर हमला कर दिया था। एक निहंग ने ASI हरजीत सिंह की कलाई तलवार से काटकर हाथ से अलग कर दी थी। उस वक्त वहां से गुजर रहे प्रवासी मजदूर शंकर ने बहादुरी का परिचय देकर हरजीत की जान बचाई थी। यही नहीं, शंकर ने हरजीत का कटा पंजा उठा लिया था, जिससे निहंगा उसे लेकर न भाग जाए। निहंगों ने शंकर पर भी हमला करने की कोशिश थी। हालांकि शंकर यहां-वहां भागता रहा, जिससे उसकी जान बच गई। शंकर सब्जी मंडी में काम करता है। वो रोज सुबह करीब 6 बजे सब्जी मंडी में सब्जी लेने आता है। रविवार को भी वो सब्जी लेने पहुंचा था। शंकर की सूझबूझ से न सिर्फ हरजीत की जान बच पाई, बल्कि कटा पंजा भी डॉक्टरों ने दुबारा जोड़ दिया। शंकर ने कटा पंजा उठाकर हरजीत को सौंप दिया था। (पहली तस्वीर में आरोपी निहंग और एएसआई की जान बचाने वाला मजदूर शंकर)
Asianet News Hindi | Published : Apr 14, 2020 9:30 AM IST / Updated: Apr 14 2020, 03:16 PM IST
शंकर ने बताया कि वो रविवार सुबह 6 बजे अपने ऑटो से सब्जी मंडी पहुंचा। वो गेट पर अपनी एंट्री के लिए खड़ा था। अचानक एक गाड़ी आई और बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर जाने लगी। इसके साथ ही गाड़ी से उतरे निहंगों ने तलवारों से पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। इस बीच एक निहंग ने एएसआई हरजीत पर तलवार से हमला कर दिया। इससे उनकी कलाई हाथ से कटकर दूर जा गिरी। निहंग उनकी छाती में तलवार घोंपने ही वाला था कि उसने एक ईंट उठाकर निहंग के सिर में दे मारी। कुछ देर निहंग सुन्न रहा, फिर उसे मारने पीछे भागा। शंकर ने बताया कि वो अपने ऑटो के चक्कर काटने लगा। इस बीच उसने हरजीत की कटी कलाई भी उठा ली। फिर एएसआई को कटी कलाई पकड़ाकर बाहर भाग निकला। शंकर ने बताया कि उसके शोर मचाने पर और भी लोग वहां पहुंचे और निहंगों पर पथराव किया। इससे वो भाग गए। (पहली तस्वीर में आरोपी निहंग और एएसआई की जान बचाने वाला मजदूर शंकर)
शंकर ने बताया कि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों के फोन उसे आ रहे हैं। परिजन डरे हुए हैं। मूलत: बिहार के रहने वाले शंकर के तीन बेटे हैं, जो पढ़ाई कर रहे हैं। शंकर ने कहा कि उसने अपना फर्ज निभाया। अगर उसके चिल्लाने के बावजूद लोग खड़े-खड़े तमाशा न देखते, तो हरजीत पर हमला नहीं होता।(हमले के बाद घायल हरजीत)
डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन के जरिये हरजीत की कटी कलाई जोड़ दी है। आशा जताई जा रही है कि कुछ महीने बाद वो काम करने लगेगी।
एएसआई हरजीत ने 1989 में पुलिस ज्वाइन की थी। सालभर पहले ही उनका प्रमोशन हुआ था। हरजीत के भाई गुरजीत दु:ख जताते हैं कि ऐस समय में जबकि कोरोना संक्रमण से सारा देश जूझ रहा है, पुलिस शिद्दत से अपनी ड्यूटी निभा रही है, कोई कैसे ऐसी हैवानियत दिखा सकता है।
घटना के दौरान की तस्वीर। इसमें निहंग तलवार से हमला करते दिखाई दे रहा है, जबकि एएसआई हरजीत जमीन पर घायल पड़े हैं।
परंपरागत हथियार रखने वाले सिखों को निहंग कहते हैं। इन्हें युद्ध कलाओं में निपुण माना जाता है। लेकिन इस घटना ने उनकी छवि खराब की है।
ऑपरेशन थियेटर में एएसआई की कटी कलाई जोड़ती डॉक्टरों की टीम।