
मनसा (पंजाब). पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मौत हुए एक सप्ताह से ज्यादा हो गया है। लेकिन अभी भी उनके परिवार वालों और मूसेवाला के लाखों प्रशंसकों की आंखों में आंसू हैं। उनको समझ नहीं आ रहा है कि आखिर किस बात के चलते सिंगर की हत्या की गई। आज परिवार ने बेटे की आत्मा की शांति के लिए मनसा में भोग समागम का आयोजन यानि अंतिम अरदास रखी। जिसमें हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ी थी। इस मौके पर पिता बलकौर सिंह और मां चरण सिंह भावुक दिखे। पिता ने रोते हुए बेटे के जाने का दर्द बयां किया।
पिता बोले-मेरे बेटे क्यों मारा मैं...समझ ही नहीं पा रहा हूं
बेटे मूसेवाला की अरदास में उनके पिता बलकौर सिंह काफी इमोशनल नजर आए और उन्होंने नम आंखों से अपने बेटे को याद किया। उन्होंने कहा मेरे बेटे ने किसी का क्या बिगड़ा था, उसने कभी किसी का गलत नहीं किया, फिर भी उसे क्यों मार दिया। उन्होंने कहा कि अगले 5-10 सालों तक सिद्धू मूसेवाला की आवाज उनके कानों में गूंजती रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इंसाफ की लड़ाई जारी रहेगी। फिर भी मैं सरकार को वक्त देना चाहता हूं।
पिता ने बताया बेटे का संघर्ष...
बलकौर सिंह ने बेटे की बचपन की यादें ताज करते हुए कहा कि मेरा बेटा सिद्धू सीधा-सादा बच्चा था। उन्होंने कहा-जब गांव में बस नहीं चलती थी तो उसने स्कूल जाने के लिए दूसरी क्लास से 12वीं तक रोजाना 24 किलोमीटर साइकिल चलाई। उस वक्त मेरे पास कोई ज्यादा पैसा नहीं था। हालात ऐसे थे कि मैं कभी जेब खर्च तक पूरा नहीं दे सका। उसने अपनी मेहनत से बारहवीं की। उसने अपनी मेहनत की दम पर सबकुछ हासिल किया था। आज उसे पूरी दुनिया जानती थी। फिर लोगों ने उसे मार डाला।
पूरी जिंदगी में उसके साथ रहा...अंत समय पीछे छोड़ गया
पिता ने का कि जिस 29 मई को मेरे बेटे की हत्या हुई उस वक्त उसकी मां गांव में किसी मौत पर उसके घर गई हुई थी। मैंने सिद्धू को कहा कि मैं साथ जाता हूं। उस वक्त मैं खेत से आया था। लेकिन बेटे ने कहा-आप आराम कीजिए थक गए होंगे। मैं भी 5 से 10 मिनट में आता हूं, बस जूस पीकर। उन्होंने कहा-इस दौरान मैंने उससे कहा कि मैं भी साथ चलूं तो उसने मना कर दिया। यह कहते हुए वह भावुक हो गए और कहने लगे हर पल में उसके साथ रहा, लेकिन अंत समय वह मुझे पीछे छोड़ गया। अब मेरे पास पछताने के सिवाय कुछ नहीं हुआ। बस मैं तो यही सोचता हूं की मेरे बच्चे का कसूर क्या था। कोई मुझे यही बता दे।
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