नाकेबंदी को चकमा देकर 14 घंटे में नाप दिए 120 किमी, लेकिन गांव पहुंचते ही पीछे से पहुंच गई पुलिस

लॉकडाउन के चलते हजारों लोग अपने घरों से दूर फंस हुए हैं। हजारों लोग पैदल अपने घरों को निकलकर पहुंच गए। यह शख्स भी उनमें से एक है। यह लॉक डाउन खुलने का इंतजार कर रहा था। उसे उम्मीद थी कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुलेगा, तो वो अगले ही दिन अपने घर को निकल लेगा। लेकिन लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाए जाने की खबर सुनकर उसका दिल बैठ गया। बस, फिर क्या था, उसने पैदल ही घर निकलने की ठान ली। रास्तेभर वो पुलिस को चमका देता रहा। लेकिन जब गांव पहुंचा, तो पीछे से पुलिस भी पहुंच गई।

Asianet News Hindi | Published : Apr 20, 2020 11:33 AM IST / Updated: Apr 20 2020, 05:17 PM IST

जालंधर, पंजाब. कोरोना संक्रमण को रोकने देशभर में 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन के चलते हजारों लोग अपने घरों से दूर फंसे हुए हैं। हजारों लोग पैदल अपने घरों को निकलकर पहुंच गए। यह शख्स भी उनमें से एक है। यह लॉक डाउन खुलने का इंतजार कर रहा था। उसे उम्मीद थी कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुलेगा, तो वो अगले ही दिन अपने घर को निकल लेगा। लेकिन लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाए जाने क खबर सुनकर उसका दिल बैठ गया। बस, फिर क्या था, उसने पैदल ही घर निकलने की ठान ली। रास्तेभर वो पुलिस को चमका देता रहा। लेकिन जब गांव पहुंचा, तो पीछे से पुलिस भी पहुंच गई।

14 घंटे में पहुंचा 120 किमी
यह है 43 वर्षीय सुदर्शन। यह शख्स जालंधर स्थित केसर पेट्रोल पंप पर काम करता है। लेकिन लॉकडाउन के कारण काम-धंधा ठप हो गया है। सुदर्शन हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के एक गांव का रहने वाला है। जालंधर से उसके गांव की दूरी करीब 120 किमी है। सुदर्शन इंतजार कर रहा था कि 14 अप्रैल को लॉक डाउन खुलने पर वो अपने गांव निकल जाएगा। लेकिन जब लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ा दी गई, तो सुदर्शन घबरा गया। उसे अपने बीवी और बच्चों की याद सताने लगी। घर की याद में वो पैदल ही अपने गांव के लिए निकल पड़ा। करीब 14 घंटे के सफर के बाद वो अपने गांव पहुंच गया।

पुलिस को देखकर खाई में उतर जाता था..
सुदर्शन जब गांव पहुंचा, तो गांववालों ने पुलिस को खबर कर दी। पुलिस फौरन गांव पहुंची और सुदर्शन को पकड़कर कोरोना टेस्ट के लिए अपने साथ ले गई। सुदर्शन ने बताया कि वो 15 अप्रैल को नेशनल हाइवे-3 से होशियारपुर की ओर पैदल चल पड़ा था। होशियारपुर से हिमाचल प्रदेश का बॉर्डर पार करना मुश्किल हो रहा था, तो वो जंगलों और खाइयों के रास्ते आगे चल पड़ा। रविवार सुबह पुलिस उसके घर पहुंची थी। सुदर्शन पुलिस को देखकर मायूस हुआ, लेकिन उसे खुशी है कि वो अपने घर पहुंच गया। बीवी-बच्चों से मिल लिया।

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