अगर पार्टनर से हो नाराजगी तो मत करें फोन-वॉट्सऐप पर ब्लॉक, हो सकते हैं ये 4 बड़े नुकसान

अक्सर यह देखा गया है कि पार्टनर्स की जब आपस में लड़ाई होती है या वे एक-दूसरे से नाराज होते हैं, तो सबसे पहले उन्हें फोन, वॉट्सऐप और दूसरे सोशल मीडिया मेसेंजर्स पर ब्लॉक कर देते हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि संवेदनशील लोगों के मन पर इसका बहुत बुरा असर पड़ता है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 16, 2020 5:35 AM IST / Updated: Jan 16 2020, 11:09 AM IST

रिलेशनशिप डेस्क। पार्टनर्स के बीच लड़ाई-झगड़े होना आम बात है। शायद ही कोई ऐसा शख्स मिले, जिसका अपने पार्टनर के साथ विवाद या मनमुटाव नहीं हुआ हो। ऐसा हमेशा से होता रहा है। लेकिन अब तकनीक और संचार क्रांति के दौर में जब सभी एक-दूसरे से फोन, वॉट्सऐप और दूसरे सोशल मीडिया पर मेसेंजर्स से जुड़े हैं, देखने में यह आ रहा है कि पार्टनर्स की जब आपस में लड़ाई होती है या वे एक-दूसरे से नाराज होते हैं, तो सबसे पहले उन्हें इन माध्यमों पर ब्लॉक कर देते हैं। अक्सर महिलाएं तुनकमिजाज होती हैं। ऐसा करने में वे आगे पाई गई हैं। कुछ तो ऐसी लड़ाइयों के बारे में बाकायदा सोशल मीडिया पर स्टेटस डाल देते हैं, जिससे परिचितों के बीच उनकी अच्छी-खासी किरकिरी भी होती है, क्योंकि कुछ ही समय के बाद वे एक हो जाते हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि मामूली लड़ाई-झगड़े के बाद ब्लॉक कर दिए जाने से संवेदनशील लोगों के मन पर बहुत बुरा असर पड़ता है। जानें इसके 4 बड़े नुकसान।

1. तनाव और डिप्रेशन
इसका सबसे बुरा असर तनाव और डिप्रेशन के रूप में देखने को मिलता है। लड़ाई के दौरान पार्टनर्स गुस्से में एक-दूसरे को कई ऐसी बातें कहते हैं, जो गलत होती हैं। लेकिन इसका एहसास बाद में होता है। इसके बाद जब पार्टनर सोचता है कि फोन कर या मैसेज कर इस मामले में सफाई दी जाए तो वह अपने को हर जगह ब्लॉक पाता है। इससे उसमें तनाव, चिंता और डिप्रेशन की समस्या पैदा होने लगती है। वह अपनी बात कह पाने और उसे पार्टनर तक पहुंचा पाने में समर्थ नहीं रह जाता। अगर वह अपने पार्टनर से गहराई से जुड़ा हो तो यह समस्या और बढ़ जाती है। कई बार तो मनोचिकित्सा और काउंसलिंग की जरूरत पड़ जाती है। इसलिए ब्लॉक का ऑप्शन अपनाने से पहले जरा सोचें।

2. घबराहट का शिकार हो जाना
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि ब्लॉक कर दिए जाने पर संवेदनशील लोग घबराहट की समस्या के भी शिकार हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि ब्लॉक करके उनके अस्तित्व को अस्वीकार कर दिया गया है। ब्लॉक करने का मतलब होता है कि अब संबंधों को लेकर कोई संभावना बची नहीं। यह अंतिम ऑप्शन होता है, जिसके जरिए आप किसी से अपना संबंध हमेशा के लिए खत्म कर देते हैं। ब्लॉक कर दिए जाने पर संवेदनशील लोग एक तरह की अपराध-बोध की भावना से भी भर जाते हैं। 

3. असामान्य व्यवहार
यह देखा गया है कि जिन लोगों को उनके पार्टनर ने ब्लॉक कर दिया, वे कुछ असामान्य व्यवहार करने लगते हैं। दरअसल, वे अपनी बातें रखना चाहते हैं। अगर उनसे कोई गलती हुई है तो उसे भी स्वीकार कर माफी मांगना चाहते हैं और रिश्ते को पटरी पर लाना चाहते हैं। लेकिन इसकी कोई संभावना नजर नहीं आने पर वे असामान्य व्यवहार करने लगते हैं। अक्सर अपरिचित लोगों को भी वे अपनी दुखभरी कहानी सुनाने लगते हैं। इससे लोग उनका मजाक तक उड़ाते हैं, पर उन्हें तो बस थोड़ी सहानुभूति की जरूरत होती है।

4. कामकाज पर बुरा असर
ब्लॉक कर दिए जाने पर मानसिक रूप से परेशान होने की वजह से कोई भी कामकाज पर पहले की तरह ध्यान नहीं दे पाता और उसका परफॉर्मेंस ठीक नहीं रह जाता। आजकल नौकरियों में परफॉर्मेंस पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है। परफॉर्मेंस खराब होने पर पहले तो ऑफिस में चेतावनी मिलती है और अगर काम में सुधार नहीं आया तो नौकरी तक जा सकती है। इसलिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए जल्दी किसी को ब्लॉक नहीं करना चाहिए, उसे तो खास तौर पर नहीं जिससे आपका गहरा आत्मीय संबंध रहा हो।    
 

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