वैवाहिक जिंदगी प्यार और रोमांस वाली लाइफ से कुछ अलग ही होती है। अरेंज मैरिज में तो पार्टनर्स को एक-दूसरे बारे में ज्यादा पता नहीं होता, लेकिन लव मैरिज में पार्टनर एक-दूसरे को भलीभंति जानते होते हैं। इसके बावजूद अगर कुछ बातों का खास ध्यान नहीं रखा जाए तो रिश्ते में कड़वाहट घुलते देर नहीं लगती।
रिलेशनशिप डेस्क। विवाह का रिश्ता हमारी संस्कृति में जन्म-जन्मांतर का रिश्ता माना गया है। लंबे लव अफेयर के बाद पार्टनर का मकसद आखिरकार मैरिज करना ही होता है। लेकिन वैवाहिक जिंदगी प्यार और रोमांस वाली लाइफ से कुछ अलग ही होती है। अरेंज मैरिज में तो पार्टनर्स को एक-दूसरे बारे में ज्यादा पता नहीं होता, लेकिन लव मैरिज में पार्टनर एक-दूसरे को भलीभंति जानते होते हैं। इसके बावजूद अगर कुछ बातों का खास ध्यान नहीं रखा जाए तो रिश्ते में कड़वाहट घुलते देर नहीं लगती। प्यार का रिश्ता जब विवाह के रिश्ते में बदल जाता है तो इसके साथ ही कई चीजें भी बदलती हैं। ऐसे में, पार्टनर्स को कुछ खास बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है, ताकि उनके संबंध प्यार से लबरेज रहें और उन्हें किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
1. जिम्मेदारी से ना भागें
जहां प्यार के रिश्ते में कोई खास जिम्मेदारी नहीं होती, जिंदगी मौज-मजे तक ही सीमित होती है, शादी होने के साथ ही पार्टनर कई तरह की जिम्मेदारियों से बंध जाते हैं। उन्हें मिल कर घर तो चलाना ही होता है, एक-दूसरे के परिवार का ख्याल भी रखना होता है। इसके साथ रिश्तेदार और नातेदार भी आ जाते हैं। कई सामाजिक जिम्मेदारियां भी निभानी पड़ती हैं। इनसे दूर भागने की कोशिश करने पर वैवाहिक जीवन में परेशानी बढ़ती है।
2. प्राइवेसी को लेकर समस्या
जब तक आप एक-दूसरे के साथ प्यार के रिश्ते में होते हैं, आप अपनी प्राइवेसी काफी हद तक बनाए रखते हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि पार्टनर को किस हद तक अपनी जिंदगी में शामिल करते हैं। लेकिन शादी हो जाने के बाद प्राइवेसी एक हद तक ही मेंटेन कर सकते हैं। अगर आपने अपनी प्राइवेसी की लिमिट काफी बढ़ा रखी है तो इससे शक-शुबहा बढ़ेगा और आपस में अनबन बढ़ेगी।
3. संवेदनशीलता की कमी
कुछ लोग पार्टनर के प्रति ज्यादा संवेदनशील नहीं होते। प्यार के रिश्ते में आप हमेशा एक साथ नहीं रहते तो यह बात कई बार सामने नहीं आ पाती या आती है भी तो रिलेशनशिप को बरकरार रखने के लिए लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन मैरिज हो जाने पर अगर आप पार्टनर के प्रति संवेदनशील रवैया नहीं अपनाते तो इसका मतलब है कि आप गलत कर रहे हैं।
4. फ्यूचर प्लानिंग
जब तक आप लव रिलेशनशिप में रहते हैं, आप अपने भविष्य के बारे में स्वतंत्र रूप से सोचते हैं और अपने करियर की प्लानिंग करते हैं। ज्यादा से ज्यादा आप इसमें अपने पार्टनर से सलाह ले लेते हैं। लेकिन मैरिज हो जाने के बाद आपकी जिंदगी एक डोर में बंध जाती है। अब आप भविष्य के लिए जो भी फैसले करेंगे, दोनों के लिए होंगे। इसलिए आपको फ्यूचर की जो भी प्लानिंग करनी होगी, एक साथ मिल कर करनी होगी। आप खुद से अकेले कोई डिसीजन नहीं ले सकते।
5. पैसे से संबंधित मामले
मैरिड लाइफ में पैसे से संबंधित मामला सबसे अहम होता है। लव रिलेशन में जरूरी नहीं कि पार्टनर को कोई अपनी आमदनी के बारे में बताए और उसका हिसाब दे। लेकिन शादी के बाद आप दोनों को मिल कर घर चलाना है और हर चीज का प्रबंध करना है। इसमें पैसे से जुड़ा मामला महत्व का हो जाता है। मैरिज के बाद आपको अपनी इनकम के बारे में बताना होगा और खर्च का हिसाब भी मिलजुल कर तैयार करना होगा। कई लोगों की आदत होती है कि वे अपनी इनकम को पार्टनर से छुपाने की कोशिश करते हैं। इससे समस्याएं बढ़ती हैं। अगर पति-पत्नी, दोनों कामकाजी हैं तो उन्हें अपनी इनकम और खर्च को लेकर ट्रांसपेरेंसी की पॉलिसी पर चलना होगा।