यहां लड़की पर रंग डाला तो करनी पड़ती है शादी, नहीं तो पूरी संपत्ति से धो बैठते हैं हाथ

Published : Jul 23, 2022, 10:50 AM IST
 यहां लड़की पर रंग डाला तो करनी पड़ती है शादी, नहीं तो पूरी संपत्ति से धो बैठते हैं हाथ

सार

शादी को लेकर हर जगह की अपनी परंपरा होती है। भारत में ही कई तरह की शादियां होती है। कुछ जगहों पर लड़की के माता-पिता शादी नहीं देख पाते हैं। तो कई जगहों पर शादी के बाद दूल्हा दुल्हन को अलग रहना पड़ता है। 

रिलेशनशिप डेस्क. हर जगह शादी को लेकर अपने रिचुअल्स होते हैं। भारत में ही कई दूल्हा-दुल्हन की कई तरह से शादी कराई जाती है। लेकिन यहां एक ऐसी जगह है जहां लड़की पर अगर कोई रंग डालता है तो वो उसका दूल्हा हो जाता है। अगर लड़की शादी से इंकार करती है तो फिर लड़के को अपनी संपत्ति उसके नाम करनी पड़ती है। मतलब लड़के को कंगाल होना पड़ता है। अब आप सोच रहे होंगे कि भारत में वो कौन सी जगह है जहां ये अजीब प्रथा है। 

लड़की पर रंग डाले तो फंसना तय

हम बात कर रहे हैं संथाल समाज की। इस समाज की एक लड़की भारत के सर्वोच्च पद पर विराजमान हो गई हैं। जी हां, द्रौपदी मुर्मू (draupadi murmu) इसी समाज से जुड़ी हुई हैं।  इस समाज का खान-पान, पहनावा हर चीज अलग है। यहां तक की शादी की परंपरा भी बहुत ही जुदा है। यहां अगर कोई युवक किसी कुंवारी लड़की पर हंग डालता है तो समाज की पंचायत लड़की से उसकी शादी करवा देती है।

लड़की करती है शादी से इंकार तो हो जाएंगे कंगाल

अगर लड़की को युवक पसंद नहीं है और वो शादी के प्रस्ताव से इंकार करती है तो फिर लड़के पर रंग डालने का जुर्माना लगता है। युवक को अपनी सारी संपत्ति लड़की के नाम करनी पड़ती है। शादी की रस्म शुरू करने से पहले यहां पर महुआ, साल और सखुआ के फूल बांटे जाते हैं। इसके बाद शादी की रस्म शुरू होती है। 

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टोकरी में बैठाकर दुल्हन की भरी जाती है मांग

इस समाज में दउरा यानी टोकरी में लड़की को बिठाकर मांग भरा जाता है। मंगलसूत्र की बजाय लोहे की चुड़िया पहनाने का रिवाज है। इसे  संथाली भाषा में 'मेढ़हे सांकोम' कहा जाता है। ये सुहाग की निशानी होती है। 

दहेज से दूर है ये समुदाय

हमारे देश में जहां आज भी लड़कियां दहेज की भेंट चढ़ जाती हैं। वहीं संथाल समाज में दहेज का कोई चलन नहीं है। जिसकी वजह से यहां की लड़कियों को इस कुप्रथा का शिकार नहीं होना पड़ता है। इसके साथ ही यहां एक रस्म है पैर धोने का। जब भी घर में कोई मेहमान आता है तो उसका लोटे के पानी से पैर धोते हैं। हालांकि ये रिवाज भारत के कई गांव में भी निभाए जाते हैं। जब लड़की या दामाद अपने ससुराल जाते हैं तो वहां के छोटे उनका पैर धोते हैं।

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