वैवाहिक संबंधों में कई बार औरतों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। कुछ पति बेहद शक्की मिजाज के होते हैं। वे अपनी पत्नियों को हमेशा संदेह भरी नजरों से देखते हैं। इससे पत्नियां घुटन महसूस करती हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क। कहावत है कि शक का इलाज हकीम लुकमान के पास भी नहीं था। किसी भी तरह के संबंधों में शक-शुबहा करना बुरा होता है, पर वैवाहिक संबंधों में तो यह जहर घोल देता है। कुछ पति बेहद शक्की मिजाज के होते हैं। वे अपनी पत्नियों को हमेशा संदेह भरी नजरों से देखते हैं। इससे पत्नियां घुटन महसूस करती हैं। ऐसे में, पत्नियां भी गुस्से में आकर कभी-कभी ऐसा कदम उठा लेती हैं, जिससे परेशानी बढ़ जाती है। औरतों को यह समझना चाहिए कि अगर उनके पति का स्वभाव शक करने वाला है तो उनके साथ कैसे पेश आए, ताकि उनका वहम दूर हो सके और वे गलत व्यवहार करने से बचें। जानें कुछ तरीके।
1. अपनी बात साफ कहें
कई बार पति इतने शक्की मिजाज के होते हैं कि वे चाहते हैं कि उनकी पत्नी अपनी हर बात की जानकारी उन्हें दे। कई बार पत्नियां जब फोन पर बात करती हैं या कहीं जाती हैं तो पति इसे लेकर परेशान हो जाते हैं। पति के दोस्त घर में आएं और पत्नी ने मुस्कुरा कर उनका स्वागत किया तो यह भी उन्हें अच्छा नहीं लगता। ऐसी परिस्थिति में पत्नी को चाहिए कि वह पति से साफ बात करे और बता दे कि उसका अपना एक स्वतंत्र व्यक्तित्व है। उसके हर काम में दखल देने और बिना किसी वजह के शक करने से रिश्ता चल नहीं सकता।
2. अपने फैसले से डिगे नहीं
कई बार पति में अहम का भाव इतना ज्यादा होता है कि वे पत्नी की बातों को कोई अहमियत नहीं देते। वे किसी मामले में पत्नी की राय तक लेना पसंद नहीं करते। वे अपने फैसले को ही अंतिम मान कर चलते हैं और पत्नी पर उसे थोप देते हैं। वे पत्नी का पसंद-नापसंद का ख्याल भी नहीं करते। ऐसी स्थिति में आपको चाहिए कि अपनी बात पर अडिग रहें और पति की नाजायज बातों को हर्गिज नहीं मानें।
3. निजता बनाए रखें
किसी से विवाह करने का मतलब यह नहीं कि आपकी अपनी कोई निजी जिंदगी नहीं रही। शक-शुबहे करने वाला पति अपनी पत्नी पर तरह-तरह की पाबंदी लगाता है। वह उसे कहता है कि ऐसा न करो, वैसा न करो। इससे पत्नी की स्थिति गुलामों वाली हो जाती है। इस स्थिति से बचने की कोशिश करें और पति से साफ कह दें कि आप अपनी निजता को बनाए रखेंगी और उसमें दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगी।
4. करीबी दोस्तों से ले सकती हैं मदद
अगर पति की शक-शुबहे की बीमारी ज्यादा ही बढ़ गई हो तो उनके और अपने करीबी दोस्तों की मदद ले सकती हैं। हो सकता है, दोस्तों के समझाने से पति के स्वभाव में कुछ बदलाव आए। विवाह के रिश्ते को जल्दी तोड़ना आसान नहीं होता। कोशिश यही करनी चाहिए कि किसी भी तरह संबंध बने रहें और जो परेशानी आ रही हो, वह दूर हो सके।
5. काउंसलिंग का लें सहारा
कई बार ज्यादा शक-शुबहा करना किसी मनोरोग का भी परिणाम होता है। लेकिन इससे पार्टनर की जिंदगी सांसत में पड़ जाती है। इसलिए यह समस्या यदि ज्यादा ही बढ़ जाए तो किसी रिलेशनशिप एक्सपर्ट या काउंसलर की मदद लें। कई बार इससे भी समस्या का समाधान हो जाता है।