मामूली बातों को लेकर भी टूट जाती है शादी, पॉजिटिव एटिट्यूड रखने से रहता है रिलेशनशिप सेफ

पहले जहां शादी को जन्म-जन्मांतरों का बंधन माना जाता है, अब मामूली बातों को लेकर भी शादियां टूट जाती हैं। दरअसल, किसी भी रिलेशनशिप में पॉजिटिव एटिट्यूड बनाए रखने से दिक्कत नहीं आती। 

रिलेशनशिप डेस्क। पहले जहां शादी को जन्म-जन्मांतरों का बंधन माना जाता था, अब मामूली बातों को लेकर भी शादियां टूट जाती हैं। दरअसल, किसी भी रिलेशनशिप में पॉजिटिव एटिट्यूड बनाए रखने से दिक्कत नहीं आती। लेकिन आज सहनशीलता की कमी ज्यादा देखी जा रही है। शादी से पहले पार्टनर्स के कई अरमान होते हैं। एक तरह से शादी के पहले वे सपनों की दुनिया में खोए रहते हैं, लेकिन जब जीवन की वास्तविक और कठिन परिस्थितियों से पाला पड़ता है तो घबरा जाते हैं। शादी के बाद तो कुछ दिन रोमांस में निकल जाते हैं। तब सब अच्छा ही अच्छा लगता है, लेकिन समस्याएं बाद में आनी शुरू होती हैं। इस दौरान पार्टनर्स को आपस में तालमेल बनाए रखना चाहिए, क्योंकि कोई भी समस्या स्थाई नहीं होती। जानते हैं क्या मुख्य समस्याएं शादी के रिश्ते को संकट में डाल देती है। 

1. आर्थिक परेशानियां
कई बार लोग नौकरी नहीं करने या आमदनी का कोई स्थाई जरिया नहीं होने के बावजूद यह सोच कर शादी कर लेते हैं कि जल्दी ही नौकरी लग जाएगी या कोई न कोई व्यवस्था हो जाएगी। अक्सर परिवार के लोग भी कुछ मामलों में बिना आय की व्यवस्था के शादी करवा देते हैं। जब काफी समय गुजर जाता है और पति को कोई नौकरी नहीं मिलती, ना ही आमदनी का कोई दूसरा जरिया मिलता है तो खटपट शुरू हो जाती है। कई बार इस समस्या के चलते परेशानी इतनी बढ़ जाती है कि शादी टूटने तक की नौबत आ जाती है।

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2. भावनात्मक अलगाव
ऐसा भी देखा गया है कि अक्सर अरेंज्ड मैरिज में पति और पत्नी के बीच भावनात्मक संबंध पूरी तरह विकसित नहीं हो पाते। शादी होने के बाद कुछ समय तक तो इसका पता नहीं चलता, लेकिन अगर पति और पत्नी के बीच गहरे भावनात्मक संबंध नहीं बनें तो रिश्ते में परेशानी आने लगती है। 

3. अंतरंग संबंधों की कमी
कई बार विवाह के पहले जो स्थिति होती है, वह बाद में नहीं रह जाती। कई मनोवैज्ञानिक या परिस्थिति से जुड़ी वजहों के चलते पति और पत्नी एक-दूसरे में रुचि लेना कम कर देते हैं और उनके बीच अंतरंग संबंधों में कमी आ जाती है। ऐसा होने पर जाहिर है कि दोनों में एक तरह का असंतोष पनपने लगता है, भले ही वे उसे व्यक्त करें या नहीं। इसके चलते उनके संबंध बोझिल हो जाते हैं।

4. उम्मीदों पर खरा न उतरना
शादी से पहले पार्टनर्स के बीच एक खास तरह का रोमांच होता है। उनमें एक-दूसरे से गहरा लगाव तो होता ही है, उनसे कुछ उम्मीदें भी जुड़ी होती हैं। कई बार जैसा वे सोचते हैं, वह नहीं हो पाता। पार्टनर उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता। इससे भी रिश्ते में कड़वाहट घुलने लगती है।

5. गलतफहमी
कई बार पार्टनर्स में एक-दूसरे को लेकर गलतफहमी भी पैदा हो जाती है। उन्हें लगता है कि पार्टनर के तौर-तरीके सही नहीं हैं। पहले जब वे रिलेशनशिप में थे तो जिन बातों पर कोई ध्यान देना जरूरी नहीं समझते थे, शादी के बाद उन पर खास तौर पर ध्यान देने लगते हैं। अगर उनकी पत्नी किसी से फोन पर बातें करती हैं, तो इसे लेकर भी उन्हें शक होता है। उन्हें अपने पार्टनर की कुछ आदतें पसंद नहीं आतीं। इससे उनमें अंसतोष पैदा होता है। जब यह असंतोष बढ़ जाता है तो रिश्ते के लिए घातक साबित होता है। 

6. पॉजिटिव एटिट्यूड अपनाना जरूरी
ये तो कुछ समस्याएं हैं। मैरिज रिलेशनशिप में तरह-तरह की कठिनाइयां सामने आती हैं। इन कठिनाइयों और समस्याओं से सिर्फ तभी बचा जा सकता है, जब पॉजिटिव दृष्टिकोण अपनाया जाए और संवेदनशीलता के साथ किसी भी समस्या को समझने की कोशिश की जाए। 
 
 
 

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