एक मां के लिए अपनी बेटी को गंदी नजरों से बचाना सबसे बड़ी चुनौती होती है। लेकिन एक जगह ऐसी है जहां लड़कियों को पुरुष की खराब नजरों से बचने के लिए यातना से गुजरना पड़ता है। यह यातना उनकी मां देती हैं, ताकि वो जल्द 'जवान' ना हो पाए। आइए बताते हैं एक ब्रूटल परंपरा के बारे में जिसे जानकर कांप जाएंगे आप।
रिलेशनशिप डेस्क. मां ममता की मूरत होती है, बच्चों को जरा सी चोट लग जाए तो वो दर्द से बिलख उठती है। तो सोचिए कि उन मांओं पर क्या गुजरती होगी जब वो अपनी बेटियों के साथ एक ऐसी क्रूरता करती हैं, ताकि वो उन्हें गंदी नजर से बचा सकें। इतना ही नहीं दर्दनाक दर्द सहकर भी बेटियां रोती नहीं, क्योंकि वो खुद को कमजोर कहलाना नहीं पसंद करती हैं। अफ्रीका के गिनियन गल्फ में स्थित कैमरून में एक ब्रूटल परंपरा चली आ रही है। जहां लड़कियों को जल्द जवान होने से बचाया जाता है।
किशोरावस्था में पहुंचने पर लड़कियों के ब्रेस्ट को दागा जाता है
15 मिलियन की आबादी वाले कैमरून में 250 से जनजातियां रहती हैं। इनकी अजीबो गरीब परंपरा आए दिन चर्चा में रहती है। इसमें एक परंपरा है
'ब्रेस्ट आयरनिंग'। जी हां, यहां छोटी बच्चियों के ब्रेस्ट की आयरनिंग की जाती है, ताकि वो जल्द विकसित ना हो। इस परंपरा को ज्यादातर माएं निभाती हैं। इसके लिए उसे अपनी बेटी को दर्द से भरी हुई यातना देनी पड़ती है। यहां जब बच्चियां किशोरावस्था में पहुंचने लगती हैं तो उनके ब्रेस्ट को पत्थर, चम्मच को गर्म करके दागा जाता है। ताकि उसका विकास ना हो।
पत्थर या चम्मच को आग में गर्म करके ब्रेस्ट को दबाया जाता है
यहां माएं पत्थर या चम्मच को आग की लपटों में गरम करती हैं, फिर बच्चियों की छाती को दबाती है। जिससे वो फ्लैट हो जाती है। इस दर्द से लड़कियों को सिर्फ एक बार नहीं गुजरना होता है, बल्कि इस प्रक्रिया को कई महीनों तक किया जाता है। इतना ही नहीं जब इस विधि को निभाया जाता है तो लड़कियां रो नहीं सकती हैं। अगर वो रोती हैं तो परिवार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है और माना जाता है कि बेटी मजबूत नहीं है।
लड़कियों में जवानी के लक्षण पुरुषों को करते हैं आकर्षित
दरअसल, यहां की महिलाओं का मानना है कि अगर लड़कियों में जवानी के लक्षण जल्द दिखाई देने लगते हैं तो पुरुष उनके प्रति आकर्षित हो जाते हैं। वो उनके साथ सेक्स कर सकते हैं। जिससे वो शादी से पहले ही गर्भवती हो सकती हैं। 9 साल की उम्र में लड़कियां ब्रेस्ट आयरनिंग से गुजर चुकी होती है। बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो ब्रिटेन में भी कई जगहों पर लड़कियों की ब्रेस्ट आयरनिंग की जाती है। यह बच्चियों के लिए ना सिर्फ तकलीफदेह होती है, बल्कि इसका दर्द जीवन भर बना रहता है। उनके ब्रेस्ट का साइज अन्य लड़कियों से अलग हो जाता है, जिसकी वजह से वो डिप्रेशन की शिकार भी हो जाती हैं।यह प्रथा कैमरून के लिटोरल प्रांत में सबसे अधिक निभाया जाता है। 53 प्रतिशत बच्चियां यहां इस प्रथा की शिकार होती हैं।
ब्रिटेन में इसे बच्चों के शोषण की लिस्ट में रखा गया है
ब्रेस्ट आयरनिंग कानून की भाषा में कोई क्राइम नहीं हैं। लेकिन बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो ब्रितानी गृहमंत्रालय ने इसे बच्चों के शोषण के लिस्ट में रखता है। जिसमें सामान्य कानून के तहत केस चलाया जाता है। वैसे तो ज्यादातर मामले थाने तक पहुंच ही नहीं पाते हैं। समाज और शर्मिंदगी के डर के वो सामने नहीं आते हैं। यह एक छुपा हुआ अपराध है।
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