यहां पति के मरने के बाद महिला को अजनबी से करना पड़ता है सेक्स, विधवा को दी जाती है दिल दहलाने वाली यातना

दुनिया के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए स्त्री-पुरुष का मिलन जरूरी होता है। शादी के बाद इस मिलन को भारत में जायज ठहराया गया है। लेकिन कुछ जगहों पर शारीरिक मिलन को रिचुअल से जोड़ दिया गया है। जो एक महिला के लिए यातना से कम नहीं होता है। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 31, 2022 11:27 AM IST / Updated: Aug 02 2022, 11:02 AM IST

रिलेशनशिप डेस्क. पति-पत्नी हो या फिर प्रेमी-प्रेमिका शरीर का मिलन रिश्ते को मजबूत करता है। लेकिन दुनिया के कई जगहों पर शारीरिक संबंध को प्रथा के साथ जोड़ दिया गया है। जिसे जानकर आप इस परंपरा का स्वागत तो कतई नहीं करेंगे। पश्चिम अफ्रीका के घाना (ghana) में हैरान करने वाली प्रथा निभाई जाती है। ये प्रथा विधवा और से जुड़ी हुई है। यहां पति की मौत एक स्त्री को नरकीय जीवन में धकेल देता है। 

यहां पति की मौत के बाद महिला को किसी अजनबी व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने पड़ते हैं। इसके पीछे कहा जाता है कि स्त्री अपने पति की आत्मा से मुक्त हो जाती है। यानी पति की आत्मा मुक्त हो जाए। चलिए बताते हैं यहां विधवाओं को क्या कुछ सहना पड़ता है।  संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् (United Nations Human Rights Council) पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां विधवाओं को एक साल तक पति की मौत का शोक मनाना पड़ता है। जबकि विधुर के लिए यह शोक कुछ दिनों के लिए होता है।

विधवाओं के लिए बनाई गई प्रथा काफी क्रूर होती है

विधवाओं के लिए जो प्रथा बनाई गई है वो काफी क्रूर, अपमानजक और दर्दनाक होते हैं। उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर दिया जाता है। घाना में विधवाओं की स्थिति पर एम्पॉवरिंग विडो इन डेवलपमेंट (ईडब्ल्यूडी) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार,यहां विधवाओं को नंगा किया जाता है। उनके गुप्तांग को सिर्फ पत्तों से ढका जाता है। इतना ही नहीं उन्हें इसी अवस्था में ईख के पत्तों की बनी चटाई पर बैठने और सोने को कहा जाता है। झोपड़ी के अंदर वो कई दिनों या हफ्तों तक इसी  अवस्था में रहती हैं।

विधवा होने पर सिर मुंडवा दिए जाते हैं

इतना ही नहीं विधवाएं खाना नहीं बना सकती हैं। उन्हें सिर्फ एक बर्तन में खाना और पानी दिया जाता है। मृत व्यक्ति की लाश को झोपड़ी के दूसरे हिस्से में रख दिया जाता है और विधवा केवल एक बूढ़ी औरत की कंपनी में ही जा सकती है। पति को दफनाने के बाद और उसकी मृत्यु का कारण पता करने के बाद महिला को नग्न अवस्था में बाहर लाया जाता है और एक विशेष शराब पीने के लिए बनाया जाता है। इसके बाद उसके सिर को मुंडवाया जाता है। 

अजनबी से बनाना पड़ता है शारीरिक संबंध

इसके बाद यौन संबंध के जरिए अनुष्ठान पूरी की जाती है। सड़क पर मिले पहले अजनबी , या बहनोई के साथ महिला को शारीरिक संबंध बनाना पड़ता है। कहा जाता है कि इससे पति की आत्मा मुक्त हो जाती है अपनी स्त्री से। अंतिम संस्कार का अनुष्ठान तीन दिन में भी खत्म होता या फिर महीने भर भी चल सकता है। ये सामनेवालों के आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है।

इस परंपरा को हो रहा विरोध

हालांकि इस अपमानजक परंपरा का विरोध हो रहा है।इसे खत्म करने की दिशा में कोशिश की जा रही हैं।दंड संहिता में 1989 का संशोधन किसी भी व्यक्ति के कृत्यों को अपराधी बनाता है जो विधवा को क्रूर, अनैतिक, या घोर अशोभनीय किसी भी प्रथा या प्रथा से गुजरने के लिए मजबूर करता है। हालांकि ईडब्ल्यूडी के सहयोगी समूहों के अनुसार, इस कानून के तहत किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया और न ही अदालत में लाया गया। घाना में इस अजीब परंपरा को निभाते हुए विधवा महिलाएं आत्महत्या भी कर लेती हैं।शारीरिक शोषण, बेघर, भुखमरी और अपमान के कारण होने वाली मानसिक पीड़ा विधवाओं को आत्महत्या करने की दिशा में प्रेरित करती है।

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