टूटे दिल का इलाज होता है बड़ा मुश्किल, आत्म सम्मान को लगती है गहरी ठेस

किसी फिल्म का बहुत ही मशहूर गीत है - जब दिल ही टूट गया तो जी कर क्या करें...। इस गीत में सच्चाई सामने आई है। वाकई, जिन लोगों के दिल टूट जाते हैं, उन्हें बहुत भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 
 

रिलेशनशिप डेस्क। किसी फिल्म का बहुत ही मशहूर गीत है - जब दिल ही टूट गया तो जी कर क्या करें...। इस गीत में सच्चाई सामने आई है। वाकई, जिन लोगों के दिल टूट जाते हैं, उन्हें बहुत भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि उनके आत्म सम्मान पर गहरी चोट लगती है। खासकर, उसे ज्यादा मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसे किसी ने छोड़ दिया हो। किसी के द्वारा रिलेशनशिप तोड़ दिया जाना एक बहुत ही बुरा और पीड़ादायी अनुभव होता है। कई बार पार्टनर आपसी सहमति से रिश्ता तोड़ते हैं। ऐसा होने पर ज्यादा तकलीफ नहीं होती, लेकिन एक पार्टनर दूसरे पर कोई तोहमत लगा कर या बिना बताए रिश्ता तोड़ ले तो संवेदनशील लोगों के लिए यह जानलेवा हो जाता है। फिर भी जीना तो पड़ता ही है। वैसे कई बार, ब्रेकअप के बाद डिप्रेशन में आकर लोग सुसाइड करने तक की कोशिश करते हैं। दिल टूटने की सजा दिल तोड़ने वाले को न देकर खुद को ही देते हैं। जानें, ऐसी हालत में क्या करना चाहिए।

1. करीबी दोस्तों से करें बात
अगर पार्टनर ने आपका दिल तोड़ा है और आपके बीच रिश्ता खत्म हो गया है तो दुख होना स्वाभाविक है। यह अलग बात है कि कुछ लोग इसकी ज्यादा परवाह नहीं करते, लेकिन जो लोग ज्यादा संवेदनशील है, उन्हें काफी मानसिक परेशानी होती है। वे अपने रिश्ते को और उसकी मधुर स्मृतियों को भुला नहीं पाते। वे डिप्रेशन का शिकार होने लगते हैं। ऐसी स्थिति में अपने करीबी और भरोसेमंद दोस्तों से बात करें। उनसे अपना दुख बांटें। अपनी भावनाएं व्यक्त करें। इससे आपको सहज होने में मदद मिलेगी।

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2. नेगेटिविटी से बचें
मन में नकारात्मक भावों को मत आने दें। वैसे, पार्टनर के प्रति गुस्सा स्वाभाविक है, पर मन में उदारता का भाव रखें। किसी रचनात्मक काम में मन को लगाने की कोशिश करें। इससे पुरानी यादें नहीं आएंगी। अगर आपको अपने पार्टनर की बातें बार-बार याद आती है और इससे मानसिक तकलीफ होती है तो किसी काम में व्यस्त रहने से ही इससे छुटकारा मिल सकता है।

3. खुद पर दें ध्यान
दिल को चोट पहुंचने पर लोग खुद पर ध्यान देना बंद कर देते हैं। वे अपना ख्याल नहीं रखते। समय पर खाना-पीना नहीं करते। रोज के काम भी नहीं निपटाते। इससे उलझन और समस्याएं बढ़ने लगती हैं। अपने रूटीन को मेंटेन रखें। समय पर खाना खाएं और रोजमर्रा के काम करें।

4. नशीली चीजों का सेवन न करें
देखा गया है कि बहुत से लोग ऐसी हालत में शराब, ड्रग्स और दूसरी नशीली चीजों का सेवन करने लगते हैं। उन्हें लगता है कि इससे पार्टनर को भूलने में उन्हें मदद मिलेगी। लेकिन ऐसा होता नहीं है। नशे की हालत में वे कुछ ऐसे काम कर सकते हैं, जिनसे नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, नशे से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है और डिप्रेशन होने की संभावना रहती है। 

5. मनोचिकित्सक की लें मदद
अगर आपकी परेशानी ज्यादा ही बढ़ रही हो, आपके मन में हमेशा बेचैनी बनी रहती हो और डिप्रेशन के लक्षण उभरने लगे हों तो बेहतर होगा कि मनोचिकित्सक की मदद लें। काउंसलिंग और कुछ दवाओं से आपकी समस्या कम हो सकती है।   


 

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