वेलेन्टाइन वीक का चौथा दिन टेडी बीयर डे के रूप में मनाया जाता है। टेडी बीयर एक खिलौना है। इसे लेकर यूथ में काफी क्रेज देखने को मिलता है।
रिलेशनशिप डेस्क। वेलेन्टाइन वीक का चौथा दिन टेडी बीयर डे के रूप में मनाया जाता है। टेडी बीयर एक खिलौना है। इसे लेकर यूथ में काफी क्रेज देखने को मिलता है। आज के दिन कपल्स और प्रेमी जोड़े एक-दूसरे को टेडी बीयर उपहार के तौर पर देते हैं और अपने प्यार का इजहार करते हैं। टेडी बीयर देखने में काफी खूबसूरत लगते हैं। अक्सर बच्चे भी इनसे खेलते हैं। जानें, कैसे हुई इस खिलौने की शुरुआत।
इसे टेडी बीयर क्यों कहते हैं
अक्सर लोगों के दिमाग में यह सवाल आता है कि इस खिलौने को टेडी बीयर क्यों कहते हैं। इसके पीछे रोचक इतिहास है। कम ही लोगों को इसके बारे में पता है। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट का निकनेम टेडी था। बताया जाता है कि 14 नवंबर, 1902 को रूजवेल्ट मिसिसिपी शिकार करने के लिए गए थे। वहां उनके एक सहायक ने एक काले भालू को पकड़ कर पेड़ से बांध दिया, ताकि रूजवेल्ट उसका शिकार कर सकें। लेकिन उन्होंने पेड़ से बंधे उस जानवर पर गोली चलाने से इनकार कर दिया।
द वॉशिंगटन पोस्ट में छपी ये खबर
यह खबर अमेरिका के प्रमुख अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट में छपी। साथ ही, क्लिफोर्ड बेरीमैन ने इस पर एक कार्टून बनाया। यह कार्टून वॉशिंगटन पोस्ट में 16 नवंबर, 1902 को प्रकाशित हुआ। इसकी काफी चर्चा हुई। इससे प्रभावित हो कर मॉरिस मिचटॉम नाम के एक कारोबारी ने इस भालू का खिलौना बनाया।
रूजवेल्ट ने दी टेडी नाम के इस्तेमाल की अनुमति
मॉरिस मिचटॉम इस खिलौने का नाम टेडी बीयर रखना चाहते थे। उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति रूजवेल्ट से इसकी अनुमति मांगी। रूजवेल्ट ने अनुमति दे दी। इसके बाद मॉरिस ने अपनी पत्नी रोजी के साथ मिल कर बड़े पैमाने पर इल खिलौने का उत्पादन शुरू किया, जो जल्दी ही पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गया। अब दुनिया का शायद ही कोई ऐसा देश हो, जहां टेडी बीयर को लोग पसंद नहीं करते हों। अमीर-गरीब, सभी लोगों को यह खिलौना बहुत प्यारा है। आगे चल कर जब वेलेन्टाइन्स डे का त्योहार पूरे हफ्ते तक मनाया जाने लगा तो टेडी बीयर डे भी शुरू हुआ।