सिर्फ जिस्मानी संबंध ही नहीं है प्यार, जानें True Love ये 5 संकेत

कहा जाता है कि सच्चा प्यार दुर्लभ होता है। यह आसानी से नहीं मिलता। आजकल ज्यादातर जो रिलेशन बनते हैं, वे किसी न किसी स्वार्थ से जुड़े होते हैं। अगर प्यार सच्चा होगा तो पार्टनर्स के बीच कभी अलगाव नहीं हो सकता। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 20, 2019 8:43 AM IST / Updated: Nov 20 2019, 02:16 PM IST

लाइफस्टाइल डेस्क। कहा जाता है कि सच्चा प्यार दुर्लभ होता है। यह आसानी से नहीं मिलता। आजकल ज्यादातर जो रिलेशन बनते हैं, वे किसी न किसी स्वार्थ से जुड़े होते हैं। अगर प्यार सच्चा होगा तो पार्टनर्स के बीच कभी अलगाव नहीं हो सकता। लोग सच्चे प्यार के लिए लैला-मजनूं, शीरी-फरहाद के उदाहरण देते हैं। लेकिन कहानियों और रियल लाइफ में काफी फर्क होता है। ज्यादातर लोग 
इस बात को लेकर कन्फ्यूज होते हैं कि उनका पार्टनर उनसे सच्चा प्यार करता है या नहीं। कई बार उन्हें पार्टनर के बिहेवियर को लेकर शक भी होता है। वाकई आजकल ज्यादातर रिश्ते किसी न किसी मकसद से ही बनते हैं, भले ही वह मकसद शारीरिक सुख पाना ही क्यों न हो। ऐसे रिश्तों में एक समय के बाद बोरियत आ ही जाती है और फिर ये बोझ बन जाते हैं। लेकिन ऐसे लोगों की भी कोई कमी नहीं जो अपने पार्टनर से सच्चा प्यार करते हैं। इसे सेल्फलेस लव कहा जा सकता है। जानें सच्चे प्यार के कुछ संकेत।

1. पार्टनर के लिए डेडिकेशन
सच्चे प्यार में पार्टनर के लिए पूरी तरह डेडिकेशन यानी समर्पण की भावना होती है। जो लोग सच्चा प्यार करते हैं, वे अपने पार्टनर की खुशी के लिए कुछ भी कर सकते हैं। सच तो यह है कि पार्टनर की खुशी में ही उनकी खुशी शामिल होती है।

2. कोई शर्त नहीं
सच्चे प्यार में कोई शर्त नहीं होती। न ही कोई मांग होती है। सच्चा प्यार दिल की गहराइयों से निकलता है। कैजुअल रिलेशनशिप में पार्टनर्स की एक-दूसरे से अपेक्षाएं होती हैं। वे चाहते हैं कि अगर उन्होंने पार्टनर के लिए कुछ किया या उसे कुछ दिया तो बदले में पार्टनर भी ऐसा करे, पर सच्चे प्यार में ऐसा नहीं होता। 

3. संवेदनशीलता
सच्चे प्यार में पार्टनर एक-दूसरे के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं। वे उनका हर तरह से ख्याल रखते हैं। वे देखते हैं कि उनके किसी व्यवहार से पार्टनर को मानसिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। वे पार्टनर के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं और किसी भी तरह की परेशानी उठा सकते हैं।

4. शारीरिक संबंधों पर नहीं देते जोर
प्यार के संबंध में शारीरिक संबंधों का बनना स्वाभाविक है, लेकिन कैजुअल रिलेशनशिप बनाने वाले इस पर ज्यादा जोर देते हैं। उनका मकसद ही होता है कि पार्टनर से चाहे जैसे भी हो, जल्दी फिजिकल रिलेशनशिप बना लिए जाएं। ऐसा करने की पीछे वजह स्वार्थ से भरी होती है। वे सोचते हैं कि अगर किसी वजह से उनके बीच अलगाव हो गया तो यह मौका नहीं मिलेगा। वहीं, सच्चा प्यार करने वाले इस पर ज्यादा जोर नहीं डालते।

5. हर बात साझा करना
सच्चा प्यार करने वाले लोग अपने पार्टनर से हर तरह की बात साझा करते हैं। लेकिन कैजुअल रिलेशनशिप रखने वाले पार्टनर को सिर्फ मतलब की बात ही बताते हैं। अपनी कई बातें वे छुपा लेते हैं। लेकिन सच्चे प्रेमी अपने पार्टनर के सामने अपना दिल खोल कर रख देते हैं और अपनी कमजोरियों को भी बताने से नहीं हिचकते। ऐसे ही प्रेमियों के लिए कहा गया है दो जिस्म और एक जान। 

  

  

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