छठ व्रत में करते हैं सूर्यदेव की पूजा, क्या आप जानते हैं कैसा है सूर्यदेव का परिवार?

धर्म ग्रंथों में सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना गया है। सूर्य की रोशनी से ही जीवन संभव है इसलिए पंचदेवों में इनकी पूजा भी अनिवार्य रूप से की जाती है। प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देना हिंदू धर्म की परंपरा में शामिल है। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 2, 2019 3:28 AM IST

उज्जैन. ग्रंथों में सूर्यदेव के परिवार व उनके बारे में बहुत सी रोचक बातें बताई गई हैं जो आम लोग नहीं जानते। छठ पर्व (2 नवंबर) के अवसर पर हम आपको सूर्यदेव के परिवार व उनके बारे में रोचक बातें बता रहे हैं, जो इस प्रकार है-

1. धर्म ग्रंथों के अनुसार, सूर्यदेव की माता अदिति व पिता महर्षि कश्यप हैं। अदिति का पुत्र होने से इन्हें आदित्य भी कहते हैं।
2. सूर्यदेव की विवाह देवशिल्पी विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा से हुआ है। यजुर्वेद ने सूर्य को भगवान का नेत्र कहा गया है।
3. धर्म ग्रंथों में सूर्यदेव व संज्ञा के दो पुत्र व एक पुत्री बताए गए हैं, ये हैं वैवस्वत मनु व यमराज तथा यमुना।
4. सूर्य का तेज सहन न कर पाने के कारण संज्ञा ने अपनी छाया उनके पास छोड़ दी और स्वयं तप करने लगीं।
5. सूर्यदेव व संज्ञा की छाया से शनिदेव, सार्वणि मनु और तपती नामक कन्या हुई। सूर्य व शनि शत्रु माने जाते हैं।
6. त्रेतायुग में कपिराज सुग्रीव और द्वापर युग में महारथी कर्ण सूर्य के अंश से ही उत्पन्न हुए थे।
7. पक्षीराज गरुड़ के भाई अरुण सूर्यदेव का रथ चलाते हैं। इस रथ में 7 घोड़े हैं जो 7 दिनों का प्रतीक है।
8. सूर्यदेव की पूजा 12 महीनों में अलग-अलग नामों से की जाती है। गायत्री मंत्र में भी सूर्य की उपासना की गई है।

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