कैसे कटा था भगवान गणेश का सिर, क्या है मिथक क्या हकीकत ?

भगवान गणेश के सिर कटने को लेकर भी कई कहानियां हैं। कोई कहता है कि गणेश का सिर भगवान शंकर ने काटा था कोई कुछ और। आइए जानते हैं ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार कैसे कटा था गणेश का सिर....

Prabhanjan bhadauriya | Published : Sep 4, 2019 3:07 PM IST

उज्जैन. हिंदू धर्म में हर घटना को लेकर एक से अधिक कहानियां प्रचलित हैं। इसी तरह भगवान गणेश के सिर कटने को लेकर भी कई कहानियां हैं। कोई कहता है कि गणेश का सिर भगवान शंकर ने काटा था कोई कुछ और। आइए जानते हैं ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार कैसे कटा था गणेश का सिर....
  

ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार जब गणेशजी का जन्म हुआ तब सभी देवी देवता उनके दर्शन करने के लिए और भगवान शिव व माता पार्वती को बधाइयां देने के लिए कैलाश पर्वत पहुंचे। इन देवी देवताओं में शनिदेव भी शामिल थे। लेकिन शनिदेव ने कैलाश पहुंचकर भी बालक गणेश की तरफ देखा तक नहीं। माता पार्वती के पूछने पर शनिदेव ने बताया कि उनको उनकी पत्नी ने श्राप दिया है कि वो जिस पर भी दृष्टि डालेंगे उसका अनिष्ट हो जाएगा। इस वजह से वो बालक गणेश की तरफ नहीं देख रहे हैं। 
यह सुनकर माता पार्वती बोली कि यह संपूर्ण सृष्टि तो ईश्वर के आधीन है। बिना उनकी इच्छा से कुछ नहीं होता। अत: तुम भयमुक्त होकर मेरे बालक को देखो और आशीर्वाद दो। माता पार्वती के कहने पर जैसे ही शनिदेव ने बालक गणेश को देखा तो उसी समय बालक गणेश का सिर धड़ से अलग हो गया। अपने बालक की यह अवस्था देखकर माता पार्वती विलाप करने लगी। माता पार्वती का विलाप देख सभी देवी देवता चिंतित हो उठे तभी विष्णु भगवान ने एक हाथी के बच्चे का सिर लाकर बालक गणेश के धड़ से जोड़ दिया और उसे पुनर्जीवित कर दिया। इसके बाद माता पार्वती का विलाप शांत हुआ। 
 

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