भारत के किस राज्य में कैसे मनाई जाती है दिवाली, जानिए परंपराएं और मान्यताएं

भारत अनेकता में एकता का देश है। यहां हर शहर की अपनी एक अलग ही खासियत है, जो कि त्योहारों में देखने को मिलती है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 26, 2019 2:53 AM IST

उज्जैन. दिवाली पूरे भारत में बड़ी ही धूम-धाम से मनाई जाती है, लेकिन सभी जगहों पर यह त्योहार मनाने का तरीका अलग-अलग होता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के विभिन्न शहरों में प्रचलित दिवाली मनाने के तरीकों और मान्यताओं के बारे में-

कोलकाता
कोलकाता में दिवाली पर देवी लक्ष्मी की नहीं बल्कि देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। यहां पर दिवाली तीन दिनों का त्योहार होता है। कई घरों में मां काली की मूर्ति स्थापना दो दिन पहले ही कर ली जाती है।

Latest Videos

कर्नाटक
दीपावली उत्सव का पहला और तीसरा दिन यहां के लिए विशेष महत्व रखता है। उत्सव का पहला दिन राक्षस नरकासुर के अंत के रूप में मनाते हैं। मान्यता है कि राक्षस नरकासुर का वध करने के बाद श्रीकृष्ण ने उसका खून अपने शरीर से हटाने के लिए तेल से स्नान किया था। इसी परंपरा के चलते लोग इस दिन तेल और पानी से स्नान करते हैं। उत्सव का तीसरा दिन जो कि दीपावली होती है, उसे यहां बालि पद्यमी के नाम से जाना जाता है।

वाराणसी
वाराणसी को देवताओं की भूमि कहते हैं। यहां दिवाली के देव दिवाली यानी देवताओं की दिवाली के रूप में मनाया जाता है। यहां दिवाली मुख्य रूप से गंगा नदी के किनारे मनाई जाती है। गंगा नदी के घाट को लाखों दीपकों से सजाया जाता है क्योंकि यहां मान्यता है कि इस दिन सभी देवी-देवता गंगा नदी में स्नान करने आते हैं।

अमृतसर
यहां दिवाली पर स्वर्ण मंदिर को लाखों दीपकों और रंग-बिरंगी लाइट से सजाया जाता है। सिख धर्म में मान्यता है कि इस दिन इनके छठे गुरु श्रीहरगोबिंदजी जेल से रिहा होकर आए थे। इसी कारण यहां दिवाली बहुत ही धूम-धाम से मनाई जाती है।

ओडिसा
ओडिसा में दिवाली पर पूर्वजों को याद किया जाता है और दिवाली की पूजा में शामिल होने के लिए प्रार्थना की जाती है। साथ ही यहां दिवाली पर जूट जलाने की परंपरा है। यहां जूट इसलिए जलाया जाता है ताकि पूर्वजों को स्वर्ग जाते समय किसी प्रकार के अंधेरे का सामना न करना पड़े।

मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में दिवाली पांच दिनों तक मनाई जाती है। पहले दिन धन्वन्तरि की पूजा की जाती है। दूसरे दिन यमराज की उपासना की जाती है। तीसरे दिन यानी दीपावली पर लक्ष्मी पूजन की परंपरा है। इसके अगले दिन बाद गाय-बछड़ों का पूजन किया जाता है। अंतिम दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है।

तमिलनाडु
यहां दिवाली के पहले घर के चूल्हे को अच्छी तरह से साफ करके, उस पर लाल या पीले कुमकुम से चार या पांच बिंदी लगाई जाती है। बाद में दिवाली की पूजा में इसे शामिल किया जाता है। दिवाली पर घर के सभी सदस्य सूर्योदय से पहले उठकर, तेल और पानी में स्नान करके मंदिरों में दर्शन करने जाते हैं।

आंध्र प्रदेश
यहां मान्यता है कि राक्षस नरकासुर का वध भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने किया था। इसलिए यहां पर दिवाली उत्सव का सबसे खास दिन नरक चतुर्दशी को माना जाता है। इस दिन लोग देवी सत्यभामा की मिट्‌टी को मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करते हैं।

महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में दीपावली का सेलिब्रेशन चार दिनों का होता है। पहले दिन गाय-बछड़े की पूजा की जाती है। अगले दिन नरक चतुर्दशी पर सूर्योदय से पहले उबटन कर स्नान करने की परंपरा है। इसके अगले दिन दिपावली पर लक्ष्मी पूजा की जाती है।

Share this article
click me!

Latest Videos

कौन हैं मुकेश अहलावत? आतिशी की टीम सबसे ज्यादा इनकी चर्चा क्यों
Odisha Case: Rahul Gandhi ने Army अधिकारी की मंगेतर से थाने में बर्बरता पर साधा निशाना
PM Modi ने बाइडेन को गिफ्ट की चांदी की ट्रेन, फर्स्ट लेडी को दी पश्मीना शॉल, जानें क्या है खास
Tirupati Laddu Prasad: गिरिराज सिंह ने की सबसे बड़ी मांग, ओवैसी और राहुल को जमकर सुना डाला
पितरों को करना है प्रसन्न, घर में ही कर सकते हैं ये 10 उपाय । Pitra Paksh