Akshaya Tritiya 2023: 4 शुभ योगों में मनाया जाएगा अक्षय तृतीया पर्व, जानें पूजा विधि और खरीदी के शुभ मुहूर्त

Akshaya Tritiya 2023: इस बार अक्षय तृतीया का पर्व 22 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में स्थाई रूप से लक्ष्मी का वास हो जाता है।

 

Manish Meharele | Published : Apr 17, 2023 6:52 AM IST

उज्जैन. वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2023) का उत्सव मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 22 अप्रैल, शनिवार को है। इस तिथि से कई मानयताएं जुड़ी हुई हैं। ऐसी ही एक मान्यता ये भी है कि इसी तिथि पर कुबेरदेव ने देवी लक्ष्मी से धन की याचना की थी। कहते हैं कि इस दिन यदि विधि-विधान से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाए तो घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है। आगे जानिए इस दिन के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व अन्य खास बातें…

अक्षय तृतीया पर बनेंगे ये शुभ योग (Akshaya Tritiya 2023 Shubh Yog)
पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि 22 अप्रैल, शनिवार की सुबह 07:49 से 23 अप्रैल, रविवार की सुबह 07:47 तक रहेगी। चूंकि 22 अप्रैल को दिन भर तृतीया तिथि रहेगी, इसलिए इसी दिन अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन कृत्तिका नक्षत्र दोपहर 11.24 तक और इसके बाद रोहिणी नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। कृत्तिका नक्षत्र होने से ध्वजा और रोहिणी नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा आयुष्मान और सौभाग्य योग भी इस दिन रहेंगे।

ये है अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2023 Shubh Muhurat)
अक्षय तृतीया पर स्नान, दान और पूजा के साथ-साथ खरीदी का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तु लंबे समय तक उपयोग में बनी रहती है और इससे घर में सुख-समृद्धि भी आती है। ये हैं अक्षय तृतीया पर पूजा और खरीदी के शुभ मुहूर्त…

अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2023 Puja Muhurat)
- सुबह 07:49 से दोपहर 12:20 तक

अक्षय तृतीया खरीदी के शुभ मुहूर्त
- सुबह 07:49 से 09:04 तक
- दोपहर 12:20 से शाम 05:13 तक
- शाम 06:51 से रात 08:13 तक

इस विधि से करें पूजा (Akshaya Tritiya 2023 Puja Vidhi)
- 22 अप्रैल, शनिवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। इसके बाद शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र एक साफ स्थान पर स्थापित करें।
- दक्षिणावर्ती शंख में गाय का दूध लेकर विष्णु-लक्ष्मी प्रतिमा का अभिषेक करें। अभिषेक करते समय ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः का जाप करते रहें।
- शुद्ध जल से अभिषेक करने के बाद कुंकुम, अबीर, गुलाल, चावल आदि चीजें चढ़ाएं। दीपक लगाएं और फूल माला चढ़ाएं। खीर का भोग भी लगाएं। अंत में आरती करें और प्रसाद भक्तों में बांट दें।
- अक्षय तृतीया पर की गई भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसका संपूर्ण शुभ फल हमें मिलता है।


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