Basant Panchami 2025: हर साल माघ शुक्ल पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इसी तिथि पर देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं।
Basant Panchami 2025 Details: हिंदू धर्म में देवी सरस्वती को ज्ञान और संगीत की देवी के रूप में पूजा जाता है। हर साल बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है। मान्यता के अनुसार, इसी तिथि पर देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इस बार बसंत पचंमी का पर्व 3 फरवरी, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन कईं शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चले ये पर्व और भी खास बन गया है। आगे जानिए बसंत पंचमी पर कैसे करें देवी सरस्वती की पूजा, शुभ मुहूर्त, आरती व अन्य खास बातें…
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, बसंत पंचमी यानी 3 फरवरी, सोमवार को सरस्वती पूजा के शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-
- सुबह 07:09 से दोपहर 12:35 तक (श्रेष्ठ मुहूर्त)
- दोपहर 12:18 से 01:02 तक (अभिजीत मुहूर्त)
- दोपहर 02:03 से 03:25 तक
- शाम 06:10 से 07:48 तक
- 3 फरवरी, सोमवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और हाथ में जल, चावल और फूल लेकर बसंत पंचमी व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- शुभ मुहूर्त से पहले पूजा की पूरी तैयारी कर लें। घर में किसी साफ स्थान पर बाजोट पर देवी सरस्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- सबसे पहले देवी सरस्वती को कुमकुम से तिलक करें, फूलों की माला पहनाएं। इसके बाद देवी के चित्र के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
- देवी सरस्वती को सफेद वस्त्र अर्पित करें। अबीर, गुलाल, चावल आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाएं। ऊं सरस्वत्यै नमः मंत्र का जाप भी करें।
- देवी सरस्वती को केसरिया भात और मौसमी फल का भोग लगाएं। इसक बाद विधि-विधान से देवी सरस्वती की आरती करें।
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता।। जय सरस्वती...।।
चंद्रवदनि पद्मासिनी, द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी।। जय सरस्वती...।।
बाएँ कर में वीणा, दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला।। जय सरस्वती...।।
देवि शरण जो आए, उनका उद्धार किया।
पैठि मंथरा दासी, रावण संहार किया।। जय सरस्वती...।।
विद्या ज्ञान प्रदायिनि ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह, अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो।। जय सरस्वती...।।
धूप दीप फल मेवा, मां स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो।।।। जय सरस्वती...।।
मां सरस्वती जी की आरती, जो कोई नर गावे।
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे।। जय सरस्वती...।।
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