Kharna Kya Hai: छठ पूजा के दूसरे दिन क्यों जाता है खरना? जानें विधि शुभ मुहूर्त से लेकर सामग्री तक

Published : Oct 25, 2025, 10:32 PM IST
Kharna Kya Hai

सार

छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहते हैं, जो व्रत की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन, भक्त गुड़-चावल की खीर और रोटी बनाकर छठी मैया को अर्पित करते हैं। इसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास रखा जाता है। इस पूजा में आम की लकड़ी और मिट्टी के चूल्हे का विशेष महत्व-

What is Kharna in Chhath: छठ का महापर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड समेत कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस पवित्र पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। छठ 25 अक्टूबर से शुरू होकर 28 नवंबर को समाप्त होगा। खरना, छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। खरना के दिन पूजा की जाती है और व्रत की शुरुआत होती है। खरना का व्रत 36 घंटे का होता है। अगर आप पहली बार छठ पूजा कर रहे हैं, तो आपके लिए खरना, उसका महत्व, अनुष्ठान और सामग्री को समझना ज़रूरी है। आइए खरना के बारे में विस्तार से जानें।

खरना का शुभ मुहूर्त क्या है?

खरना पूजा 26 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्योदय सुबह 6:29 बजे और सूर्यास्त शाम 5:41 बजे होगा। इसलिए, आप शाम 5:41 बजे के बाद खरना पूजा और प्रसाद चढ़ा सकते हैं। इस शुभ मुहूर्त में खरना पूजा करने से सूर्य देव और छठी मैया का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

खरना पूजा के लिए किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है?

  • मिट्टी का चूल्हा
  • गुड़ की खीर के लिए गुड़
  • खीर के लिए चावल
  • चावल का आटा
  • दूध और गंगाजल
  • प्रसाद के लिए केला
  • खाना पकाने के लिए मिट्टी के बर्तन

खरना प्रसाद क्या है?

खरना प्रसाद छठ पूजा (खरना) के दूसरे दिन बनाया जाने वाला एक विशेष प्रसाद है, जिसमें गुड़ और चावल की खीर (जिसे रसियाव भी कहा जाता है) होती है। इस प्रसाद के साथ गेहूं के आटे की रोटी या पूरी भी बनाई जाती है। छठी मैया को भोग लगाने के बाद, व्रती इसे ग्रहण करते हैं, जिसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है।

खरना के दिन क्या खाना चाहिए?

खरना के दिन, व्रती सूर्यास्त के बाद नए मिट्टी के चूल्हे पर पकाई गई गुड़-चावल की खीर खाते हैं। खरना के दिन प्रसाद के रूप में केले और गेहूं के आटे की रोटी या पूरी भी खाई जाती है। इन चीजों को खाने के बाद ही व्रती 36 घंटे का व्रत शुरू करते हैं।

  • गुड़-चावल की खीर: यह खरना का मुख्य प्रसाद है, जो मिट्टी के चूल्हे पर और पीतल के बर्तन में आम की लकड़ी से बनाया जाता है।
  • केला: खरना के दिन खीर के साथ केला भी खाया जाता है।
  • रोटी या पूरी: खरना के दिन गेहूं के आटे से बनी रोटी या पूरी भी खाई जाती है।

खरना पूजा की विधि क्या है?

छठ पूजा के दूसरे दिन खरना पूजा की जाती है। इस अनुष्ठान में, भक्त पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हैं। शाम को मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से खीर बनाई जाती है। पूजा के बाद, भक्त सबसे पहले खीर और रोटी खाते हैं। फिर खरना का प्रसाद परिवार के अन्य सदस्यों में वितरित किया जाता है। प्रसाद ग्रहण करने के बाद, 36 घंटे का व्रत शुरू होता है।

खरना पूजा विधि (Kharna Puja Kaise Kare)

  • सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी न खाएं-पिएं।
  • पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें और गंगाजल छिड़कें।
  • सूर्यास्त के बाद, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • नए मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से खीर बनाएं।
  • आप घी लगी रोटियां भी बना सकते हैं।
  • छठी मैया और सूर्य देव को खीर, रोटी, फल आदि अर्पित करें।
  • सबसे पहले, व्रती को खरना के लिए तैयार किए गए प्रसाद का सेवन करना चाहिए।
  • प्रसाद ग्रहण करने के बाद, 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होगा, जो चौथे दिन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होगा।

ये भी पढ़ें- Chhath Puja 2025: एकमात्र मंदिर जहां पत्नियों के साथ होती है सूर्यदेव की पूजा, इंद्र ने भी यहां की थी पूजा

खरना के नियम क्या हैं?

  • गुड़ की खीर और रोटी मिट्टी के चूल्हे पर पीतल के बर्तन में बनानी चाहिए।
  • प्रसाद तैयार करते समय पूरी पवित्रता और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।
  • यह प्रसाद केवल व्रती को ही बनाना चाहिए।
  • पूरे दिन उपवास रखने के बाद शाम को प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।
  • प्रसाद ग्रहण करने से पहले, खीर और अन्य व्यंजन केले के पत्ते पर रखकर सूर्य देव और छठी मैया को अर्पित करें।
  • प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही व्रती कुछ भी खा या पी सकता है।
  • 36 घंटे का निर्जला व्रत खरना प्रसाद के बाद ही शुरू होता है।
  • व्रत करने वाले व्यक्ति को पूरे दिन ज़मीन पर चटाई बिछाकर सोना चाहिए।
  • प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्य इसे ग्रहण कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें- Chhath Kharna Puja 2025: जानें आम की लकड़ी पर ही क्यों बनता है खरना प्रसाद?

Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Religious Story: भगवान विष्णु की कितनी पुत्रियां हैं, क्या हैं इनका नाम? जानें रोचक कथा
Annapurna Jayanti Vrat Katha: क्यों महादेव ने देवी अन्नपूर्णा से मांगी भिक्षा? पढ़ें रोचक कथा