Diwali 2024: कैसे करें लक्ष्मी पूजन? जानें विधि-मंत्र, शुभ मुहूर्त और आरती

Published : Oct 24, 2024, 01:28 PM ISTUpdated : Oct 31, 2024, 08:36 AM IST
Diwali-2024-details

सार

Diwali 2024 Shubh Muhurat Details: इस बार दिवाली पर्व को लेकर ज्योतिषियों में मतभेद की स्थिति बन रही है। हालांकि अधिकांश विद्वान 31 अक्टूबर को दिवाली मनाए जाने के पक्ष में हैं। जानें इस दिन कैसे करें लक्ष्मी पूजा, शुभ मुहूर्त, आरती? 

Diwali 2024 Puja Vidhi-Shubh Muhurat: धर्म ग्रंथों के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की अमावस्या पर दीपावली पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 2 दिन यानी 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को रहेगी। विद्वानों के अनुसार, दीपावली पर्व 31 अक्टूबर, गुरुवार को ही मनाया जाएगा। इस दिन कईं शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते ये पर्व और भी खास हो गया है। आगे जानिए दिवाली की पूजा विधि-मंत्र, शुभ मुहूर्त सहित पूरी डिटेल…

दिवाली 2023 पूजा के शुभ मुहूर्त (Diwali 2024 Shubh Muhurat Detail)


- शाम 04:24 से 05:48 तक
- शाम 05:48 से 07:24 तक
- शाम 07:24 से रात 08:59 तक

विशेष शुभ मुहूर्त


- शाम 05:48 से रात 08:22 तक (प्रदोष काल)
- शाम 06:39 से रात 08:37 तक (वृषभ लग्न)
- रात 01:07 से 03:18 तक (सिंह लग्न)

दिवाली पूजा विधि 2024 (Diwali 2024 Puja Vidhi)


- दिवाली की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और पूजा का संकल्प लें। जिस स्थान पर लक्ष्मी पूजा करनी है तो उसे साफ करें और गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर लें।
- पूजा से पहले सभी सामग्री एक स्थान पर लाकर रख लें और पूजा स्थान पर लकड़ी की चौकी यानी पटिया स्थापित करें। इसके ऊपर लाल कपड़ा बिछाएं।
- ऊपर बताए गए किसी शुभ मुहूर्त में देवी लक्ष्मी, श्रीगणेश सहित देवी सरस्वती की प्रतिमा या चित्र चौकी पर स्थापित करें। चौकी पर पानी से भरा कलश भी रखें।
- कलश पर स्वस्तिक बनाएं और मौली बांधकर इस पर नारियल रखें। चौकी के पास नया बर्तन खील-बताशे भरकर रखें। ये मंत्र बोलकर पूजन सामग्री पर पानी छिड़कें-


ऊं अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।
य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि:।।


- देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान श्रीगणेश को तिलक लगाकर पूजा करें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं और धूप बत्ती भी जलाएं। 11 या 21 दीपक अलग से भी लगाएं।
- देव प्रतिमाओं को फूलों की माला पहनाएं। अबीर, गुलाल, हल्दी, चंदन आदि चीजें भी चढ़ाएं। इत्र छिड़कें और अपनी इच्छा अनुसार फल-मिठाई का भोग लगाएं।
- पूजा के बाद देवी लक्ष्मी से घर-परिवार की सुख-समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से आरती करें।

ऐसे करें मां लक्ष्मी की आरती (Devi Lakshami Ki Aarti)


ऊं जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता।
तुमको निसिदिन सेवत हर विष्णु-धाता।। ऊं।।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।। ऊं...।।
दुर्गारूप निरंजनि, सुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, रिद्धि-सिद्धि धन पाता।। ऊं...।।
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधिकी त्राता।। ऊं...।।
जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहिं घबराता।। ऊं...।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता।
खान-पान का वैभव सब तुमसे आता।। ऊं...।।
शुभ-गुण-मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता।। ऊं...।।
महालक्ष्मी(जी) की आरती, जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता।। ऊं...।।

- आरती के बाद अपने स्थान पर खड़े होकर प्रदक्षिणा कर देवी को प्रणाम करें। हाथ में जल लेकर ये मंत्र बोलकर इसे धरती पर छोड़े दें-
ऊं अनेन यथाशक्त्यर्चनेन श्रीमहालक्ष्मी: प्रसीदतु।
- हाथ में चावल लें और श्रीगणेश व महालक्ष्मी की प्रतिमा को छोड़कर अन्य सभी देवताओं पर चावल छोड़ते हुए निम्न मंत्र से विसर्जित करें-
यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनरागमनाय च।।
- इस प्रकार दीपावली पर देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान श्रीगणेश पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
 

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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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