Lakshmi Mantra: जन्मदिन के हिसाब से जानें भाग्य चमकाने वाला लक्ष्मी मंत्र!

Published : Dec 18, 2025, 10:03 AM IST
Lakshmi Puja

सार

अंक ज्योतिष के अनुसार, जन्म संख्या के आधार पर धन आकर्षित किया जा सकता है। यह लेख जन्म संख्या 1 से 9 के लिए विशिष्ट लक्ष्मी मंत्र प्रदान करता है। इन मंत्रों का जाप करने से धन-समृद्धि में वृद्धि हो सकती है।

न्यूमरोलॉजी या अंक ज्योतिष के अनुसार, हमारी जन्मतिथि हमारे व्यक्तित्व, ताकत, कमजोरी और पिछले जन्म के कर्मों के बारे में भी बताती है। क्या आप जानते हैं कि आप अपने जन्म संख्या के अनुसार धन और समृद्धि को भी आकर्षित कर सकते हैं? यहां हमने आपकी जन्मतिथि के अनुसार अलग-अलग लक्ष्मी मंत्र दिए हैं। इन मंत्रों का जाप करने से महालक्ष्मी देवी की कृपा होगी और आपके धन-संपत्ति में वृद्धि होगी। तो चलिए देखते हैं कि आपकी जन्मतिथि के अनुसार आपके लिए कौन सा लक्ष्मी मंत्र सही है:

जन्म संख्या: 1, 10, 19, 28

स्वामी ग्रह: सूर्य

मंत्र: ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्

जन्म संख्या: 2, 11, 20, 29

स्वामी ग्रह: चंद्र

मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः

जन्म संख्या: 3, 12, 21, 30

स्वामी ग्रह: गुरु

मंत्र: ॐ ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः

जन्म संख्या: 4, 13, 22, 31

स्वामी ग्रह: राहु

मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः

जन्म संख्या: 5, 14, 23

स्वामी ग्रह: बुध

मंत्र: ॐ सर्वबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ

जन्म संख्या: 6, 15, 24

स्वामी ग्रह: शुक्र

मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः

जन्म संख्या: 7, 16, 25

स्वामी ग्रह: केतु

मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ

जन्म संख्या: 8, 17, 26

स्वामी ग्रह: शनि

मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

जन्म संख्या: 9, 18, 27

स्वामी ग्रह: मंगल

मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ज्येष्ठ लक्ष्मी स्वयंभुवे। ह्रीं ज्येष्ठायै नमः

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Masik Shivratri December 2025: मासिक शिवरात्रि 18 दिसंबर को, जानें पूजा-व्रत विधि, मंत्र और मुहूर्त
Khar Maas Ki Katha: क्या है ‘खर’ का अर्थ? सूर्यदेव के रथ से जुड़ी है खरमास की रोचक कथा