Ganesh Chaturthi 2023 Date: गणेश चतुर्थी की रात चांद को देखना क्यों मानते हैं अशुभ?

Ganesh Chaturthi 2023 Date: इस बार गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस पर्व से जुड़ी कई परंपराएं इसे खास बनाती हैं। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी की रात को चंद्रमा के दर्शन नहीं करना चाहिए, इस परंपरा के पीछे एक विशेष कारण है।

 

Manish Meharele | Published : Sep 4, 2023 6:06 AM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2023 Date) का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान श्रीगणेश का प्राकट्य हुआ था। इस बार ये पर्व 19 सितंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस पर्व से जुड़ी कई मान्याताएं और परंपरा हैं। ऐसी ही एक मान्यता ये भी है कि गणेश चतुर्थी की रात चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए। इस मान्यता के पीछे क्या कारण है, आगे जानिए…

इसलिए गणेश चतुर्थी की रात नहीं देखते चंद्रमा (Ganesh Chaturthi Ki Rat Chand Ko Kyo Nahi Dekhte)
गणेश चतुर्थी की रात चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए, इससे जुड़ी एक कथा धर्म ग्रंथों में मिलती है, इसके अनुसार, ‘भगवान शिव द्वारा श्रीगणेश का मस्तक काटने पर जब उनके धड़ पर हाथी का मुख लगाया तो उनका स्वरूप थोड़ा विचित्र हो गया। भगवान श्रीगणेश के इस स्वरूप को देख चंद्रमा मंद-मंद मुस्कुराते रहें। ये बात गणेशजी समझ गए और काफी देर तक उनके इस कार्य को अनेदखा करते रहे।
काफी देर तक जब चंद्रमा श्रीगणेश का उपहार करते रहे तो श्रीगणेश को क्रोध आ गया और उन्होंने चंद्रमा को श्राप दे दिया कि ‘आज से तुम काले हो जाओगे।’ श्राप के कारण चंद्रमा की आभा धीरे-धीरे कम होने लगी और वे काले हो गए। चंद्रमा ने श्रीगणेश से क्षमा मांगी, तब गणेशजी ने कहा कि ‘अब से तुम सूर्य के प्रकाश से जगमगाओगे।’
श्रीगणेश ने ये भी कहा कि ‘दूसरों के रंग-रूप को देखकर कभी उसका उपहास नहीं करना चाहिए, तुम्हारी इस गलती से औरों को भी सबक मिले, इसलिए चतुर्थी का यह दिन तुम्हें दण्ड देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। जो व्यक्ति भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर तुम्हारे दर्शन करेगा, उस पर चोरी का झूठा आरोप लगेगा।’

गलती से हो जाएं चंद्रमा के दर्शन तो क्या करें?
वैसे तो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा के दर्शन नहीं करना चाहिए, यदि किसी से गलते से ऐसा हो जाए तो नीचे लिखे इस मंत्र का जाप करना चाहिए…
सिंह: प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हत:।
सुकुमार मा रोदीस्तव ह्येष: स्यमन्तक:।।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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