Ganesh Chaturthi 2025: घर-दुकान या पांडाल में गणेश प्रतिमा स्थापना के शुभ मुहूर्त, विधि और मंत्र

Published : Aug 26, 2025, 02:27 PM IST
ganesh chaturthi 2025

सार

Ganesh Chaturthi 2025 Kab Hai: इस बार गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन लोग अपने घर, दुकान आदि में तो गणेश प्रतिमा की स्थापना करते ही हैं, साथ ही सार्वजनिक पांडालों में भी गणेश स्थापना की जाती है।

Ganesh Chaturthi 2025 Shubh Muhurat: हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि तिथि पर प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश का प्राकट्य हुआ था। 20 दिन तक चलने वाले इस उत्सव के पहले दिन भक्त अपने घर, दुकान आदि स्थानों पर गणेश प्रतिमाओं की स्थापना करते हैं। गणेश प्रतिमा स्थापना की एक विधि होती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी से जानें कैसे करें गणेश प्रतिमा की स्थापना और शुभ मुहूर्त की डिटेल…

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घर में गणेश प्रतिमा स्थापना के शुभ मुहूर्त

सुबह 06:11 से 07:45 तक
सुबह 07:45 से 09:19 तक
सुबह 10.53 से दोपहर 12.28 तक
सुबह 11:05 से दोपहर 01:40 तक

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दुकान-ऑफिस में गणेश प्रतिमा स्थापना के शुभ मुहूर्त

दोपहर 12.28 से 02. 27 तक
दोपहर 03:36 से शाम 05:11 तक

सार्वजनिक पांडालों में गणेश प्रतिमा स्थापना के शुभ मुहूर्त

दोपहर 03:36 से शाम 05:11 तक
शाम 05:11 से 06:45 तक

कैसे करें गणेश प्रतिमा की स्थापना? जानें विधि और मंत्र

- 27 अगस्त की सुबह स्नान आदि करने के बाद हाथ में जल, चावल और फूल लेकर पूजा का संकल्प लें। घर या दुकान, जहां भी आपको गणेश प्रतिमा स्थापित करनी है, उस स्थान को गंगा जल या गौमूत्र छिड़कर पवित्र कर लें।
- तय स्थान पर प्रतिमा के अनुरूप एक लकड़ी की चौकी रख, इसके ऊपर लाल कपड़ा बिछाएं। शुभ मुहूर्त में इस लकड़ी की चौकी पर गणेश प्रतिमा स्थापित करें। प्रतिमा पर कुमकुम से तिलक लगाएं और फूलों की माला पहनाएं।
- शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद एक-एक करके हल्दी, रोली, इत्र, पान, इलाइची, लौंग, अबीर, गुलाल आदि चीजें भगवान श्रीगणेश को चढ़ाते रहें। हल्दी लगी दूर्वा विशेष रूप से श्रीगणेश को अर्पित करें।
- पूजा के दौरान ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप मन ही मन करते रहें। भगवान को मोदक, बूंदी के लड्डू और मौसमी फलों का भोग लगाएं। इस तरह पूजा करने के बाद आरती करें। संभव हो तो कुछ देर मंत्र जाप भी करें।
- गणेश उत्सव के दौरान रोज 10 दिनों तक सुबह-शाम इसी विधि से भगवान श्रीगणेश की पूजा करें। ध्यान रखें कि प्रतिमा हिले-डुले नहीं। एक ही स्थान पर स्थापित रहे। इस तरह पूजा करने से आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।

क्यों मनाते हैं गणेश चतुर्थी?

शिवपुराण के अनुसार, देवी पार्वती ने एक बार मिट्टी से एक पुतले का निर्माण किया और उसमें प्राण डाल दिए। देवी पार्वती ने उसे अपना पुत्र मानकर नाम गणेश रखा। जब देवी पार्वती स्नान के लिए गईं तो गणेश को पहरे पर खड़ा कर दिया और कहा कि ‘किसी को भी अंदर प्रवेश मत करने देना।’
थोड़ी देर बाद जब महादेव वहां आए और अंदर जाने लगे तो पहरे पर खड़े गणेश ने उन्हें रोक दिया। काफी समझाने के बाद भी जब गणेश नहीं मानें तो क्रोधित होकर महादेव ने उनका मस्तक काट दिया। जब देवी पार्वती ने ये देखा तो महादेव को उन्होंने सारी बात बताई।
तब भगवान विष्णु एक हाथी का मस्तक काट कर लाए और मृत गणेश के धड़ से जोड़कर उन्हें जीवित कर दिया। बाद में सभी देवताओं ने मिलकर श्रीगणेश की पूजा की। तभी से हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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