
Gopashtami Aarti Lyrics In Hindi: हिंदू धर्म में गायों को बहुत ही पवित्र माना गया है। ऐसा भी कहते हैं कि गाय में ही सभी देवी-देवताओं का निवास होता है। साल में कईं ऐसे व्रत-उत्सव आते हैं जब गायों की पूजा विशेष रूप से की जाती है। गोपाष्टमी भी इन उत्सवों में से एक है। ये पर्व हर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 30 अक्टूबर, गुरुवार को है। इस दिन गायों के साथ उनके बछड़ों की पूजा भी की जाती है। पूजा के बाद गायों की आरती करने की परंपरा भी है। गायों की आरती करने के बाद ही गोपाष्टमी पर्व की पूजा पूरी मानी जाती है। सनातम धर्म में देवी-देवताओं के साथ-साथ गाय की आरती भी लिखी गई है। मगर बहुत कम लोग इस आरती के बारे में जानते हैं। आगे पढ़िए गौ माता की आरती के लिरिक्स…
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ऊं जय जय गौमाता, मैया जय जय गौमाता |
जो कोई तुमको ध्याता, त्रिभुवन सुख पाता ||
मैया जय जय गौमाता ………………
सुख समृद्धि प्रदायनी, गौ की कृपा मिले |
जो करे गौ की सेवा, पल में विपत्ति टले ||
मैया जय जय गौमाता ……………
आयु ओज विकासिनी, जन जन की माई |
शत्रु मित्र सुत जाने, सब की सुख दाई ||
मैया जय जय गौमाता ………………
सुर सौभाग्य विधायिनी, अमृती दुग्ध दियो |
अखिल विश्व नर नारी, शिव अभिषेक कियो ||
मैया जय जय गौमाता ………………
ममतामयी मन भाविनी, तुम ही जग माता |
जग की पालनहारी, कामधेनु माता ||
मैया जय जय गौमाता ……………संकट रोग विनाशिनी, सुर महिमा गायी |
गौ शाला की सेवा, संतन मन भायी ||
मैया जय जय गौमाता ………………
गौ माँ की रक्षा हित, हरी अवतार लियो |
गौ पालक गौपाला, शुभ सन्देश दियो ||
मैया जय जय गौमाता ………………
श्री गौमात की आरती, जो कोई सुत गावे |
“पदम्” कहत वे तरणी, भव से तर जावे ||
मैया जय जय गौमाता ………………
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।