
Guru Purnima Ki Aarti Lyrics In Hindi: 10 जुलाई, गुरुवार को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन लोग अपने-अपने गुरुओं की पूजा करते हैं उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पूजा के साथ-साथ इस दिन गुरु की आरती भी जरूर करनी चाहिए। बिना आरती के पूजा पूरी नहीं मानी जाती। गुरु को प्रसन्न करने के लिए अनेक स्तुति, मंत्र व आरतियों की रचना की गई है। आगे जानिए कैसे करें गुरु की पूजा और आरती…
- सबसे पहले अपने गुरु को पैरों को साफ जल से धोएं। पैरों पर चंदन लगाएं और फूल चढ़ाएं। ऐसा करते समय मन में गुरु के प्रति सच्ची श्रद्धा होनी चाहिए।
- इसके बाद गुरु के मस्तक पर तिलक लगाएं और अपनी इच्छा अनुसार वस्त्र, मिठाई, फल और राशि आदि भेंट करें। इसके बाद पैर छूकर आशीर्वाद लें।
- इस तरह पूजा करने के बाद एक थाली में शुद्ध घी का दीपक लेकर गुरुदेव की आरती करें। इस तरह गुरु पूर्णिमा पर गुरुदेव की पूजा और आरती करनी चाहिए।
जय गुरुदेव अमल अविनाशी, ज्ञानरूप अन्तर के वासी,
पग पग पर देते प्रकाश, जैसे किरणें दिनकर कीं।
आरती करूं गुरुवर की॥
जब से शरण तुम्हारी आए, अमृत से मीठे फल पाए,
शरण तुम्हारी क्या है छाया, कल्पवृक्ष तरुवर की।
आरती करूं गुरुवर की॥
ब्रह्मज्ञान के पूर्ण प्रकाशक, योगज्ञान के अटल प्रवर्तक।
जय गुरु चरण-सरोज मिटा दी, व्यथा हमारे उर की।
आरती करूं गुरुवर की।
अंधकार से हमें निकाला, दिखलाया है अमर उजाला,
कब से जाने छान रहे थे, खाक सुनो दर-दर की।
आरती करूं गुरुवर की॥
संशय मिटा विवेक कराया, भवसागर से पार लंघाया,
अमर प्रदीप जलाकर कर दी, निशा दूर इस तन की।
आरती करूं गुरुवर की॥
भेदों बीच अभेद बताया, आवागमन विमुक्त कराया,
धन्य हुए हम पाकर धारा, ब्रह्मज्ञान निर्झर की।
आरती करूं गुरुवर की॥
करो कृपा सद्गुरु जग-तारन, सत्पथ-दर्शक भ्रांति-निवारण,
जय हो नित्य ज्योति दिखलाने वाले लीलाधर की।
आरती करूं गुरुवर की॥
आरती करूं सद्गुरु की
प्यारे गुरुवर की आरती, आरती करूं गुरुवर की।