Hindu Tradition: हिंदू धर्म में बहुत सारी मान्यताएं हैं जो धीरे-धीरे परंपरा बन चुकी हैं। इन परंपराओं के पीछे कोई न कोई कारण जरूर छिपा होता है। ऐसी ही एक मान्यता ये भी है रात को आटा गूंधकर नहीं रखना चाहिए, ऐसा करना मुसीबतों को बुलाना देना होता है।
हम अक्सर अपने बुजुर्गों से सुनते हैं कि रात में उतना ही आटा गूंधना चाहिए जितनी आवश्यकता है। अधिक मात्रा में आटा गूंधकर इसे फ्रीज में रखना और अगले दिन इसका उपयोग करना मुसीबतों को बुलाना देता है। (Hindu Tradition) देखा जाए तो इस मान्यता के पीछे कोई भी कारण नजर नहीं आता, लेकिन ऐसा नहीं है। इस मान्यता के पीछे एक नहीं कई कारण है, जो इस परंपरा को सही साबित करते हैं। आज हम आपको इस परंपरा पर इसके पीछे छिपे कारणों के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…
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ये है पहली मान्यता
धर्म ग्रंथों के अनुसार, जब पितरों के लिए पिंडदान किया जाता है तो उस समय आटे के गोल-गोल पिंड बनाए जाते हैं। यही पिंडदान पितरों की आत्मा की शांति के लिए नदी में प्रवाहित किए जाते हैं। इसलिए ऐसा माना जाता है कि जब घर में हम आटे को गूंधकर रखते हैं तो वह पिंड स्वरूप बन जाता है, इस वजह से नकारात्मक शक्तियां उसकी ओर तुरंत आकर्षित हो जाती हैं।
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इससे बचने के लिए क्या करें?
जिस घर में बार-बार ऐसा होता है कि आटा गूंधकर रखा जाए वहां निश्चित रूप से निगेटिव शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं, ऐसी मान्यता है। जैसे-जैसे ये शक्तियां अपना असर दिखाती हैं, परेशानियां दिन-ब-दिन बढ़ने लगती हैं। इससे बचने के लिए महिलाएं बचे हुए आटे पर अंगुलियों का निशान बना देती हैं, जिससे ये पिंड की श्रेणी में नहीं आता। ये इस परेशानी से बचने लिए श्रेष्ठ उपाय माना जाता है।
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ये है वैज्ञानिक कारण
रात को गूंधे हुए आटे को अगर फ्रीज में रख भी दिया जाए तो अगली सुबह तक उसकी पौष्टिकता में कमी आ ही जाती है। ऐसे आटे से बनी रोटियां सेहत के लिए ठीक नहीं रहती और इसका दुष्परिणाम कहीं न कहीं हमें देखने को मिलता है। इस आटे से बनी रोटी सुपाच्य भी नहीं होती यानी आसानी से पचती नहीं है और पेट से जुड़ी परेशानियां बढ़ा देती हैं।
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क्या कहता है आयुर्वेद?
आयुर्वेद के अनुसार, जिस तरह बासी भोजन सेहत के लिए नुकसानदायक होता है, उसी तरह रात को गूंधा गए आटे का उपयोग यदि सुबह किया जाए तो निश्चित तौर पर इसके बुरे परिणाम सेहत पर देखे जा सकते हैं, भले ही वो आटा फ्रीज में ही क्यों न रखा जाए। जैसे ही इस आटे को बाहर निकाला जाता है, इसमें बैक्टीरिया और वायरस पनपने लगते हैं, जो किसी बड़ी बीमारी का कारण भी हो सकते हैं। इसलिए रात को गूंधकर रखे गए आटे का उपयोग सुबह नहीं करना चाहिए। हमेशा ताजे गूंधे आटे की रोटियां भी खानी चाहिए।
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।