Gangaur Teej Vart 2024: आज करें गणगौर तीज व्रत, पूजा के लिए दिन भर में 4 शुभ मुहूर्त, जानें विधि, महत्व और कथा

Gangaur Teej 2024 Date: चैत्र मास में नवरात्रि के दौरान गणगौर तीज का व्रत किया जाता है। इस व्रत में शिव-पार्वती की पूजा का विधान है। वैसे तो ये राजस्थान का लोक उत्सव है, लेकिन पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

 

Gangaur Teej 2024 Details: हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर व्रत किया जाता है। इसे गणगौर तीज और ईसर-गौर भी कहते हैं। ईसर यानी भगवान शिव और गौर यानी देवी पार्वती। वैसे तो ये राजस्थान का लोक पर्व है, लेकिन फिर भी पूरे देश में ये उत्सव बड़ी ही श्रद्धा से किया जाता है। गणगौर तीज का व्रत कुंवारी लड़कियां मनचाहे पति के लिए और विवाहित महिलाएं परिवार की सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। आगे जानिए इस बार कब है गणगौर तीज, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व अन्य खास बातें…

कब करें गणगौर तीज व्रत 2024? (Kab Kare Gangaur Teej Vrat 2024)
पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 अप्रैल की शाम 05:32 से 11 अप्रैल की दोपहर 03:03 तक रहेगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, चूंकि तृतीया तिथि का सूर्योदय 11 अप्रैल, गुरुवार को होगा, इसलिए इसी दिन गणगौर तीज का व्रत किया जाएगा। इस दिन प्रीति और आयुष्मान नाम के 2 शुभ योग भी रहेंगे, जिससे इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है।

Latest Videos

गणगौर तीज का शुभ मुहूर्त (Gangaur Teej 2024 Shubh Muhurat)
- दोपहर 12:22 से 01:58 तक
- दोपहर 01:58 से 03:34 तक
- शाम 05:09 से 06:45 तक
- शाम 06:45 से रात 08:09 तक

ये है गणगौर तीज व्रत की विधि (Gangaur Vrat ki Puja Vidhi)
- 11 अप्रैल, गुरुवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। इसके बाद महिलाएं इकट्ठा होकर सिर पर लोटा लेकर बाग़-बगीचों में जाएं।
- वहां से इन लोटो में शुद्ध जल भरें और उसमें दूर्वा-फूल सजाकर सिर पर रखें और गणगौर के गीत गाती हुईं घर लौट आएं।
- इसके बाद मिट्टी से बनी शिव (ईसर) और पार्वती (गौर) की प्रतिमा किसी साफ स्थान एक स्थान पर स्थापित करें। दीपक जलाएं।
- भगवान को फूल माला पहनाएं। चावल, अबीर, गुलाल, रोली आदि चीजें चढ़ाएं। इसके बाद सभी महिलाएं गणगौर के गीत गाएं और कथा सुनें।
- इसके बाद ईसर-गौर की प्रतिमाओं को किसी नदी या तालाब में विसर्जित करें। इस तरह गणगौर तीज का व्रत-पूजा करने से शुभ फल मिलते हैं।

ये है गणगौर व्रत की कहानी (Gangaur Teej Ki Katha)
- एक बार भगवान शिव देवी पार्वती के साथ पृथ्वी पर आए। कुछ देर बाद देवी पार्वती को प्यास लगने लगी। देवी पार्वती पानी पीने एक नदी पर पहुंची।
- देवी पार्वती ने देखा कि नदी में दूर्वा, टेसू के फूल और फल आदि तैर रहे हैं। शिवजी ने कहा कि “आज गणगौर तीज है। इस दिन महिलाएं गौरी उत्सव मनाती हैं।’
- शिवजी ने भी कहा कि ‘महिलाएं गणगौर तीज का व्रत इसलिए करती हैं ताकि उनका पारिवारिक जीवन सुख-समृद्धि से भरा रहे।’
- देवी पार्वती ने कहा कि ‘आप मेरे लिए यहां एक स्थान निश्चित कर दें, जिससे सभी महिलाएं यहां व्रत करें तो मैं स्वयं उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दूंगी।’
- महिलाएं देवी पार्वती के नगर में आकर ये व्रत करने लगी। ये देख देवी पार्वती ने उन सभी महिलाओं को सौभाग्यवती रहने का वरदान दिया।’


ये भी पढ़ें-

Chaitra Navratri 2024: एक साल में कितनी बार आती है नवरात्रि और ये कब-कब मनाई जाती है?


Devi Bhajans lyrics In Hindi: ‘मेरी झोली छोटी पड़ गई रे, इतनी दिया मेरी माता’ चैत्र नवरात्रि में इन शानदार भजनों से करें दिन की शुरूआत

 

Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।



 

Share this article
click me!

Latest Videos

LIVE🔴: केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और पवन खेड़ा द्वारा प्रेस वार्ता
Pushpa 2 Reel Vs Real: अल्लू अर्जुन से फिर पूछताछ, क्या चाहती है सरकार? । Allu Arjun
Year Ender 2024: Modi की हैट्रिक से Kejriwal - Hemant Soren के जेल तक, 12 माह ऐसे रहे खास
हिंदुओं पर हमले से लेकर शेख हसीना तक, क्यों भारत के साथ टकराव के मूड में बांग्लादेश?
'सोना सस्ता लहसुन अभी भी महंगा' सब्जी का भाव जान राहुल हैरान । Rahul Gandhi Kalkaji Sabzi Market