Rama Ekadashi 2025: 16 या 17 अक्टूबर, कब है रमा एकादशी? जानें सही डेट, पूजा विधि-मंत्र और मुहूर्त

Published : Oct 14, 2025, 09:51 AM IST

Rama Ekadashi 2025: साल में कुल 24 एकादशी व्रत किए जाते हैं, इनमें से रमा एकादशी भी एक है। रमा एकादशी का व्रत दिवाली से 4 दिन पहले किया जाता है, इसलिए इसका विशेष महत्व है।

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जानें रमा एकादशी व्रत 2025 की पूरी डिटेल

Rama Ekadashi 2025 Kab Hai: धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहते हैं। ये एकादशी व्रत दिवाली से 4 दिन पहले किया जाता है। कुछ लोग इसी दिन से दिवाली उत्सव की शुरूआत मानते हैं और दीपक लगाना शुरू कर देते हैं। रमा देवी लक्ष्मी का ही एक नाम है। इस बार कार्तिक कृष्ण एकादशी तिथि का संयोग 2 दिन बन रहा है, जिसके चलते इस व्रत की सही डेट को लेकर लोगों के मन में कन्फ्यूजन की स्थिति बन रही है। आगे जानिए रमा एकादशी व्रत की सही डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि सहित पूरी डिटेल…

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कब है रमा एकादशी 2025? (When is Rama Ekadashi 2025?)

पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 16 अक्टूबर, गुरुवार की सुबह 10 बजकर 35 मिनिट से 17 अक्टूबर, शुक्रवार की सुबह 11 बजकर 12 मिनिट तक रहेगी। चूंकि एकादशी तिथि का सूर्योदय 17 अक्टूबर को होगा, इसलिए इसी दिन ये व्रत किया जाएगा। इस दिन कईं शुभ योग बनेंगे।

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रमा एकादशी 2025 पूजा के शुभ मुहूर्त

सुबह 06:28 से 07:54 तक 
सुबह 07:54 से 09:20 तक 
दोपहर 11:49 से दोपहर 12:35 तक 
दोपहर 12:12 से 01:38 तक 
शाम 04:29 से 05:55 तक

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रमा एकादशी व्रत-पूजा की विधि

- रमा एकादशी के दिन पहले यानी 16 अक्टूबर, गुरुवार की रात से ही व्रत के नियमों का पालन करें। इस दिन सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। 
- शुक्रवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और हाथ में जल-चावल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। इसके बाद दिन भर व्रत के नियमों का पालन करें। 
- पूजा की सामग्री एक स्थान पर एकत्रित कर लें और शुभ मुहूर्त में घर में साफ स्थान पर लकड़ी का पटिया रख इस पर श्रीकृष्ण का चित्र स्थापित करें। 
- भगवान को कुमकुम से तिलक करें और फूलों की माला पहनाएं। शुद्ध घी का दीपक लगाएं। अबीर-गुलाल, रोली, चावल, सुपारी, पान, इत्र आदि चीजें चढ़ाएं। 
- पूजा करते समय ऊं भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करें। भगवा को भोग लगाएं, इसमें तुलसी के पत्ते भी डालें। भगवान की विधि-विधान से आरती करें। 
- रात को सोए नहीं, भजन-कीर्तन करें। अगले दिन यानी 18 अक्टूबर, शनिवार को ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और उन्हें दान-दक्षिणा देकर विदा करें। 
- इसके बाद स्वयं भोजन करें। इस तरह रमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति की हर कामना पूरी हो सकती है और जीवन में खुशहाली बनी रहती है।

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भगवान विष्णु की आरती लिरिक्स हिंदी में (Lord Vishnu Aarti Lyrics In Hindi)

ऊं जय जगदीश हरे, स्वामी ऊं जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे। 
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥ 
ऊं जय जगदीश हरे॥ 
माता-पिता तुम मेरे, स्वामी तुम मेरे। तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ 
ऊं जय जगदीश हरे॥ 
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी। पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥ 
ऊं जय जगदीश हरे॥ तुम करुणा के सागर, तुम सब के स्वामी। 
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ 
ऊं जय जगदीश हरे॥ तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति। 
किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति॥ 
ऊं जय जगदीश हरे॥ 
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे। अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ 
ऊं जय जगदीश हरे॥ 
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा। श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ 
ऊं जय जगदीश हरे॥ तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा। 
तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा॥ 
ऊं जय जगदीश हरे॥

Disclaimer 
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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