
Tulsi Vivah 2025 Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। इसके बिना भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा पूरी नहीं मानी जाती। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह किया जाता है साथ ही इनकी पूजा भी की जाती है। इस बार तुलसी विवाह 2 नवंबर, रविवार को किया जाएगा। तुलसी और शालिग्राम भगवान की पूजा कैसे करें, आगे जानिए मंत्र, विधि और शुभ मुहूर्त की डिटेल…
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सुबह 07:59 से 09:23 तक
दोपहर 11:48 से 12:32 तक (अभिजीत मुहूर्त)
दोपहर 12:10 से 01:33 तक
दोपहर 02:57 से 04:21 तक
शुभ 08:57 से 10:34 तक
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- 2 नवंबर, रविवार की सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि करने के बाद तुलसी-भगवान शालिग्राम की पूजा का संकल्प लें। व्रत करना चाहते हैं तो इसका भी संकल्प लें।
- ऊपर बताए मुहूर्त से पहले पूजा की तैयारी कर लें। मुहूर्त शुरू होने पर सबसे पहले तुलसी के पौधे के समीप शालिग्राम शिला रखें। दोनों को कुमकुम से तिलक लगाएं।
- फूलों की माला पहनाएं। शुद्ध घी का दीपक जलाएं। तुलसी माता को चुनरी, मेहंदी, बिछिया, हल्दी आदि चीजें अर्पित करें। भगवान शालिग्राम को सफेद वस्त्र चढ़ाएं।
- तुलसी के पौधे की 7 परिक्रमा करें और ये मंत्र बोलें-
महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी
आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते
- इस तरह तुलसी और भगवान शालिग्राम की पूजा करने के बाद अपनी इच्छा अनुसार भोग लगाएं और आरती करें। इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।
मैय्या जय तुलसी माता।।
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
मैय्या जय तुलसी माता।।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।