Kali Chaudas 2025: कब है काली चौदस, क्यों मनाते हैं, श्मशान में किसकी पूजा करते हैं?

Published : Oct 19, 2025, 08:44 AM IST
Kali Chaudas 2025

सार

Kali Chaudas 2025: दिवाली से एक दिन पहले यानी नरक चतुर्दशी पर काली चौदस का पर्व भी मनाया जाता है। काली चौदस की रात तंत्र-मंत्र के लिए बहुत प्रसिद्ध है। काली चौदस पर श्मशान में तांत्रिकों का जमावड़ा लगता है।

Kali Chaudas 2025 Kab Hai: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को काली चौदस का पर्व मनाया जाता है। इसे भूत चतुर्दशी भी कहते हैं। ये पर्व दिवाली से ठीक एक दिन पहले आता है। नाम से ही पता चलता है कि ये पर्व तंत्र-मंत्र से संबंधित है। काली चौदस पर उग्र शक्तियों जैसे देवी काली आदि की पूजा की जाती है। गुजरात आदि राज्य में ये पर्व विशेष रूप से मनाया जाता है। इस पर्व का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है। जानें काली चौदस से जुड़ी रोचक बातें…

ये भी पढ़ें-
Narak chaturdashi Ki Katha: क्यों मनाते हैं नरक चतुर्दशी, इस दिन किसकी पूजा करें?

कब है काली चौदस 2025?

काली चौदस का पर्व तब मनाया जाता है जब रात में कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का संयोग बनता है। इस बार ये तिथि 19 अक्टूबर, रविवार की दोपहर 01 बजकर 51 मिनिट से शुरू होगी जो 20 अक्टूबर, सोमवार की दोपहर 03 बजकर 45 मिनिट तक रहेगी। चूंकि 19 अक्टूबर की रात कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि का संयोग बन रहा है, इसलिए इसी दिन काली चौदस का पर्व मनाया जाएगा।

ये भी पढ़ें-
Narak Chaturdashi 2025: नरक चतुर्दशी पर कब करें यम तर्पण, कब अभ्यंग स्नान? जानें पूजा विधि-मंत्र और मुहूर्त

काली चौदस 2025 पूजा शुभ मुहूर्त

काली चौदस पर पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 41 मिनिट से 12 बजकर 31 मिनिट तक रहेगा। इस दौरान गृहस्थ लोग अपने घर में पूजा कर सकते हैं। वहीं तंत्र-मंत्र सिद्धियां पाने के लिए ये पूरी रात ही शुभ रहती है।

काली चौदस पर श्मशान में किसकी करते हैं पूजा?

काली चौदस पर गृहस्थ लोग घर पर ही देवी काली की पूजा करते हैं। दीपक जलाते हैं और मंत्र जाप आदि करते हैं। ताकि उनके जीवन से निगेटिविटी दूर हो और सकारात्मकता बनी रहेगी। वहीं तंत्र-मंत्र के साधक काली चौदस की रात को श्मशान में जाकर देवी काली और वीर बेताल आदि की पूजा करते हैं। मान्यता है कि काली चौदस पर रात में की गई साधना बहुत ही जल्दी शुभ फल देती है।

काली चौदस पर कौन-से उपाय करें?

काली चौदस की राज देवी काली के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे जीवन में चल रही परेशानियां अपने आप ही दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है। ये हैं देवी काली के कुछ प्रमुख मंत्र-
- ऊं क्रीं कालिकायै नमः
- ऊं जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते:
- क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं दक्षिणकालिके ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं स्वाहा:
- ह्रौं काली महाकाली किलिकिले फट् स्वाहा:

Disclaimer 
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Akhurath Chaturthi Vrat Katha: रावण ने क्यों किया अखुरथ चतुर्थी का व्रत? पढ़ें ये रोचक कथा
Akhurath Chaturthi 2025: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कब, 7 या 8 दिसंबर? जानें मुहूर्त-मंत्र सहित पूरी विधि