
Karwa Chauth 2025: हर साल कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। यह व्रत विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है। महिलाएं अपने पति के लिए सोलह श्रृंगार करती हैं और सजती-संवरती हैं। महिलाएं करवा चौथ का व्रत निर्जल रखती हैं। फिर शाम को चंद्रमा को जल अर्पित करके और अपने पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत तोड़ती हैं। धार्मिक मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन का वरदान मिलता है। करवा चौथ पर, महिलाएं अक्सर सोचती हैं कि क्या उनके पति भी उनके लिए यह व्रत रख सकते हैं। तो आइए जानें कि क्या पति अपनी पत्नी के लिए यह व्रत रख सकते हैं। इसके नियम क्या हैं?
इस वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर को रात्रि 10:54 बजे से प्रारंभ हो रही है। यह तिथि अगले दिन 10 अक्टूबर को शाम 7:38 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, इस वर्ष करवा चौथ व्रत शुक्रवार, 10 अक्टूबर को रखा जाएगा।
करवा चौथ व्रत का मूल आधार पतिव्रता धर्म का पालन करना है। यह विवाहित स्त्रियों की अपने पति के प्रति निष्ठा, समर्पण और कर्तव्य को दर्शाता है। यदि कोई पति अपनी पत्नी के लिए करवा चौथ व्रत रखना चाहता है, तो वह ऐसा कर सकता है, लेकिन उसे कुछ नियमों का पालन करना होगा। केवल खाने-पीने का त्याग करना व्रत नहीं माना जाता है।
यदि कोई पुरुष करवा चौथ व्रत रखना चाहता है, तो उसे सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद, पूजा स्थल को साफ़ करें। देवी गौरी और भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। फिर, देवी की पूजा करें। व्रत की कथा पढ़ें। चंद्रमा को अर्घ्य दें। इसके बाद ही व्रत खोलें। करवा चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है। यदि पुरुष ऐसा नहीं कर सकते, तो वे जल पी सकते हैं, लेकिन उन्हें व्रत के अन्य सभी नियमों का पालन करना चाहिए।
चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर 2025 को रात्रि 10:54 बजे से प्रारंभ होगी
चतुर्थी तिथि 10 अक्टूबर 2025 को शाम 7:38 बजे समाप्त होगी
पूजा का महामुहूर्त शाम 5:57 बजे से शाम 7:11 बजे तक है (कुल अवधि: 1 घंटा 14 मिनट)
चंद्रोदय समय (अनुमानित) रात्रि 8:13 बजे
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष करवा चौथ पर चंद्रमा रात्रि 8:13 बजे (अनुमानित) उदय होगा। इस समय, विवाहित महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देंगी और अपना व्रत खोलेंगी।
चंद्रोदय (अनुमानित समय: रात्रि 8:13 बजे) होने पर, पहले छलनी से चंद्रमा को देखें और फिर अपने पति को देखें।
इसके बाद, दूध और अक्षत के साथ जल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें।
अपने पति के हाथों से जल पीकर या मिठाई खाकर अपना व्रत (पारण) तोड़ें।
इस प्रकार आपका करवा चौथ व्रत पूर्ण माना जाएगा।
Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।