
Karwa Chauth Sargi: वैदिक कैलेंडर के अनुसार, करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह त्यौहार पूरे देश में हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद देखने के बाद इसे तोड़ती हैं। धार्मिक मान्यता है कि यह व्रत उनके पतियों को दीर्घायु, स्वास्थ्य और सुख प्रदान करता है, और उनके वैवाहिक जीवन को गहरा और प्रेमपूर्ण बनाता है।
व्रत की शुरुआत सरगी से होती है, जिसका सेवन सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त (दिव्य समय) में किया जाता है। सास अपनी बहू को सरगी देती है, जिसमें फल, मिठाई और मेवे शामिल होते हैं। सरगी खाने से पूरे दिन ऊर्जा और शक्ति मिलती है, जिससे व्रत सफलतापूर्वक पूरा होता है। सनातन धर्म में सरगी का विशेष महत्व है और इसमें सौंदर्य प्रसाधन भी शामिल हैं।
सरगी में स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन होते हैं, जैसे मठरी, सेवई, मिठाई और ताजे फल। महिलाएं अपनी पसंद के अनुसार इन व्यंजनों का सेवन कर सकती हैं। यह न केवल व्रत का एक हिस्सा है, बल्कि भारतीय पारंपरिक व्यंजनों की एक सुंदर परंपरा भी है।