
Sharad Purnima Par Chandrma Ki Puja Vidhi: इस बार शरद पूर्णिमा का पर्व 6 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि साल भर में सिर्फ इसी दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से उदय होता है और साथ ही पृथ्वी के सबसे नजदीक भी। इसलिए इस दिन चंद्रमा की पूजा करने की परंपरा भी है। चंद्रमा की पूजा के साथ-साथ आरती करने की परंपरा भी है। चंद्रमा की पूजा और आरती करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। आगे जानिए कैसे करें चंद्रमा की पूजा और आरती…
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6 अक्टूबर, सोमवार को शरद पूर्णिमा के मौके पर चंद्रोदय शाम 05 बजकर 27 मिनिट पर होगा।
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शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा के पूजन का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 45 मिनिट से 12 बजकर 34 मिनिट तक रहेगा। यानी आपको पूजा के लिए सिर्फ 49 मिनिट का समय मिलेगा।
शरद पूर्णिमा की रात शुभ मुहूर्त में चंद्रमा की पूजा करें। सबसे पहले चंद्रमा को कुमकुम, चावल और फूल चढ़ाएं। इसके बाद जल से अर्घ्य दें। चंद्रमा को प्रणाम करें और मन में कोई मनोकामना हो तो उसे बोलें। इस तरह पूजा करने के बाद चंद्रमा की आरती करें। इस तरह चंद्रमा की पूजा-आरती करने से चंद्रमा से संबंधित शुभ फल मिलते हैं। जिनकी कुंडली में चंद्रमा अशुभ हो, उन्हें शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा जरूर करनी चाहिए।
ऊं जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी ।
रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी ।
दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी ।
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि ।
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा ।
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी ।
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी ।
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी ।
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे ।
विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी ।
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें ।
ऊं जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।