
Karwa Mata Ki Aarti: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 10 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस पर्व में भगवान श्रीगणेश के साथ-साथ चौथ माता की पूजा भी की जाती है। चौथ माता के कुछ प्रसिद्ध मंदिर भी हमारे देश मे है। चौथ माता की पूजा बिना आरती के पूरी नहीं होती। आगे जानिए चौथ माता की आरती के लिरिक्स हिंदी में…
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ऊं जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो कोई आपका व्रत रखे, कृपया उसकी नैया पार लगाओ।
आप सम्पूर्ण जगत की माता हैं, आप रुद्रायणी हैं।
संसार के सभी प्राणी आपका गुणगान करते हैं।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो स्त्री व्रत रखे,
उसके पति की आयु लंबी हो और सभी दुख दूर हों।
ऊं जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो कोई आपका व्रत रखे, कृपया उसकी नैया पार लगाओ।
सुहागिन स्त्रियों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो।
भगवान गणेश अत्यंत दयालु हैं, सभी विघ्नों का निवारण हो।
ऊं जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो कोई आपका व्रत रखे, कृपया उसकी नैया पार लगाओ।
करवा मैया आरती, जो कोई व्रत रखे, कृपया गाओ।
व्रत पूर्ण हो, और सभी अनुष्ठान सुख प्रदान करें।
ऊं जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो कोई आपका व्रत करे, कृपया उसे भवसागर से पार लगाएं।
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करवा माता से जुड़ी एक कथा प्रचलित है, उसके अनुसार, ‘किसी समय करवा नाम की एक पतिव्रता स्त्री किसी गांव में रहती थी। एक दिन जब उसका पति नदी में नहा रहा था, तभी उसे मगरमच्छ ने पकड़ लिया। करवा ने अपने तप के बल से उस मगरमच्छ को सूती धागे से पकड़ लिया और यमराज के पास ले गई। वहां यमराज ने मगरमच्छ को यमलोक भेज दिया और उसके पति को लंबी उम्र का वरदान दिया। चित्रगुप्त ने भी करवा को आशीर्वाद दिया ‘जो महिला करवा चौथ का व्रत रखेगी, उसका सौभाग्य अखंड बना रहेगा। इस कारण इस व्रत का नाम करवा चौथ पड़ा।
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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।