Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics: लक्ष्मी जी की आरती, ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता...

Published : Oct 15, 2025, 01:24 PM IST
 Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics

सार

Diwali Laxmi ji ki Aarti Lyrics: क्या आप लक्ष्मी माता की आरती करने की सही विधि और शुभ मुहूर्त जानते हैं? यह आरती देवी लक्ष्मी की कृपा, धन और शांति पाने के रहस्य छुपाती है। अपने घर में समृद्धि बनाए रखने के लिए आरती की विधि, लाभ और महत्व जानें।

Laxmi ji Ki Aarti Lyrics in Hindi: हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को सुख, समृद्धि, धन और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। इनकी विधिवत पूजा करने से सभी रोग, दोष और भय दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। देवी लक्ष्मी की यह आरती उनकी उत्पत्ति और उनकी कृपा प्राप्त करने के लाभों का वर्णन करती है। यहां पढ़ें देवी लक्ष्मी की आरती, ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। हिंदी में बोल, साथ ही महत्व, लाभ, आरती करने का सही समय और अन्य जानकारी...

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।

मैया तुम ही जग-माता।।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।

मैया सुख सम्पत्ति दाता॥

जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।

मैया तुम ही शुभदाता॥

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।

मैया सब सद्गुण आता॥

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।

मैया वस्त्र न कोई पाता॥

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।

मैया क्षीरोदधि-जाता॥

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।

मैया जो कोई जन गाता॥

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। ऊं जय लक्ष्मी माता।।

लक्ष्मी जी की आरती का महत्व

देवी लक्ष्मी की आरती सोलह पंक्तियों की होती है, जो देवी लक्ष्मी की उत्पत्ति और उनकी कृपा से होने वाले लाभों का वर्णन करती है। देवी लक्ष्मी को धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। महालक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से धन की कभी कमी नहीं होती।

लक्ष्मी जी की आरती करने के लाभ

  • देवी लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करने से धन की कभी कमी नहीं होती।
  • भक्त को अपार धन की प्राप्ति होती है।
  • वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
  • घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
  • देवी लक्ष्मी की कृपा से आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • आपको नौकरी या व्यवसाय में अपार सफलता के साथ-साथ आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा।

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लक्ष्मी की आरती कैसे करें

  • सबसे पहले एक पूजा की थाली लें और उसमें कमल या गुलाब का फूल, साबुत चावल और थोड़ा सा सिंदूर रखें।
  • अब रुई से एक बत्ती बनाएं। आप 2, 5, 9, 11 या 21 बत्तियां इस्तेमाल कर सकते हैं। फिर उसमें घी भर दें।
  • देवी लक्ष्मी की आरती शुरू करें, किसी भी प्रकार की गलती न करें।
  • इसके अलावा, आप घंटी की ध्वनि का भी उपयोग कर सकते हैं।

लक्ष्मी माता की आरती का क्या है सही समय?

लक्ष्मी की आरती ब्रह्ममुहूर्त से सुबह तक की जाती है। शाम के समय भी आरती करना अच्छा माना जाता है।

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लक्ष्मी की आरती के बाद क्या करें?

देवी लक्ष्मी की आरती करने के बाद जय जय का जाप करें। फिर जल से आचमन कर सभी की आरती दें। अंत में किसी भी गलती के लिए क्षमा याचना करें। इसके बाद सभी को प्रसाद बांटकर स्वयं भी ग्रहण करें।

Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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