Mangla Gouri Vrat 2023: 25 जुलाई को द्विपुष्कर योग में करें मंगला गौरी व्रत, मिलेगा दोगुना फायदा, जानें मुहूर्त

Mangla Gouri Vrat 2023: 25 जुलाई, मंगलवार को सावन का चौथा मंगला गौरी व्रत किया जाएगा। इस व्रत में देवी पार्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन कई शुभ योग बनेंगे, जिसके चलते इस व्रत का फल कई गुना होकर मिलेगा।

 

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, सावन के प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत (Mangla Gouri Vrat 2023) किया जाता है। इस बार सावन का चौथा मंगलवार 25 जुलाई को है। इस दिन देवी पार्वती की पूजा विशेष रूप से की जाएगी। देवी पार्वती से संबंधित ये व्रत विवाहित महिलाओं के साथ-साथ कुंवारी लड़कियां भी कर सकती हैं। 25 जुलाई को कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते ये व्रत और भी खास हो गया है। आगे जानिए इस व्रत से जुड़ी खास बातें…

कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे इस दिन? (Mangala Gauri Vrat 24 July 2023 Shubh Yog)
सावन मास का चौथा मंगलवार 25 जुलाई को है, इसलिए इस दिन मंगला गौरी व्रत किया जाएगा। मंगलवार को दिन द्विपुष्कर योग दिन भर रहेगा, जिससे इस दिन किए गए उपाय, पूजा और शुभ कार्यों का फल दोगुना होकर मिलेगा। इस योग के चलते मंगला गौरी व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है। इसके अलावा इस दिन सिद्ध और साध्य नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे।

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ये हैं पूजा के शुभ मुहूर्त (Mangala Gauri Vrat 2023 Shubh Muhurat)
- सुबह 09:15 से 10:54 तक
- सुबह 10:54 से दोपहर 12:33 तक
- दोपहर 12:33 से 02:12 तक
- दोपहर 03:50 से 05:29 तक

इस विधि से करें मंगला गौरी व्रत की विधि (Mangala Gauri Vrat-Puja Vidhi)
- 25 जुलाई, मंगलवार को व्रत-पूजा का संकल्प लें और ऊपर पताए गए किसी एक मुहूर्त में देवी पार्वती का चित्र या प्रतिमा घर में किसी साफ स्थान पर स्थापित करें।
- देवी की प्रतिमा को हार पहनाएं। देवी के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। माता को सुहाग की सामग्री जैसे चूड़ी, चुनरी, कुंकुम, बिंदी आदि चीजें चढ़ाएं।
- इसके बाद अबीर, गुलाल, रोली, चावल, मौसमी फल, गंध आदि चीजें भी एक-एक करके चढ़ाते रहें। पूजा के बाद देवी को भोग लगाएं और आरती करें।
- इस प्रकार जो महिलाएं मंगला गौरी व्रत करती हैं, उनके परिवार में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है और कुंवारी लड़कियों को मनचाहा पति मिलता है।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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