सार

Kamla Ekadashi 2023: इन दिनों सावन का अधिक मास चल रहा है। वैसे तो अधिक मास हर तीसरे साल आता है लेकिन सावन का अधिक साल 2004 के बाद अब आया है यानी 19 साल बाद। अधिक मास की एकादशी को बहुत ही शुभ फल देने वाला माना गया है।

 

उज्जैन. धर्म ग्रंथों में अधिक मास का विशेष महत्व बताया गया है। इस महीने के स्वामी स्वयं भगवान विष्णु हैं, इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। वर्तमान में सावन का अधिक मास चल रहा है, जो 16 अगस्त तक रहेगा। वैसे तो अधिक मास हर तीसरे साल आता है लेकिन सावन के अधिक मास (Adhik Maas 2023) का संयोग 19 साल बाद बना है। इसके पहले सावन का अधिक मास 2004 के बाद बना है। अधिक मास की एकादशी को बहुत खास माना गया है, इसे कमला (Kamla Ekadashi 2023) और पद्मिनी एकादशी (Padma Ekadashi 2023) के नाम से जाना जाता है। आगे जानिए इस बार कब है सावन अधिमास की एकादशी…

इस दिन है सावन अधिक मास की एकादशी (Sawan Adhik Maas 2023 Ekadashi Kab Hai)
पंचांग के अनुसार, सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 28 जुलाई, शुक्रवार की दोपहर 02:51 से 29 जुलाई, शनिवार की दोपहर 01:05 तक रहेगी। चूंकि एकादशी तिथि का उदयकाल 29 जुलाई को रहेगा, इसलिए इसी दिन एकादशी व्रत-पूजन किया जाएगा।

कौन-कौन से योग बनेंगे इस दिन? (Adhik Maas 2023 Ekadashi Shubh Yog)
29 जुलाई, शनिवार को ज्येष्ठा नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। इस दिन ब्रह्म नाम का शुभ योग सुबह 09:34 तक रहेगा। इसके बाद इंद्र नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। इस समय सिंह राशि में बुध और शुक्र की युति रहेगी, जिससे लक्ष्मी नारायण नाम का शुभ योग बनेगा। इस योग में कमला एकादशी का संयोग बहुत ही शुभ फल देने वाला रहेगा।

जानें दिन भर के शुभ मुहूर्त (Adhik Maas 2023 Ekadashi Shubh Muhurat)
- सुबह 07:38 से 09:16 तक
- दोपहर 12:07 से 12:59 तक
- दोपहर 12:33 से 02:11 तक
- दोपहर 03:50 से 05:28 तक

ये है पारणा का समय (Adhik Maas 2023 Ekadashi Parna Shubh Muhurat)
हिंदू धर्म की परंपरा के अनुसार, व्रत के अगले दिन पारणा किया जाता है, तभी व्रत का पूरा फल मिलता है। पारणा के दौरान ब्राह्मणों को भोजन करवाया जाता है और दान-दक्षिणा देकर संतुष्ट किया जाता है। पद्मिनी एकादशी व्रत का पारणा 30 जुलाई, रविवार को सुबह 6:00 से 08:37 के बीच करना शुभ रहेगा।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।